जुबिली स्पेशल डेस्क
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार सुर्खियों में हैं और अपने फैसलों से पूरी दुनिया को चौंका रहे हैं। जहां एक ओर वह रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ईरान के साथ भी बातचीत करने की इच्छा जता रहे हैं। हालांकि, ईरान ने उन्हें बड़ा झटका दिया है।
ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील पर किसी भी तरह की बातचीत के प्रस्ताव को सख्ती से खारिज कर दिया है।
हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से वार्ता की इच्छा जताते हुए आयतुल्ला अली खामेनेई को एक विशेष पत्र लिखकर न्यूक्लियर डील का प्रस्ताव दिया था। लेकिन अब ईरान की ओर से इस पर खुलकर प्रतिक्रिया सामने आई है।

ईरान की सरकारी मीडिया के मुताबिक खामेनेई ने कहा, “जब हमें पता है कि वे इसका सम्मान नहीं करेंगे, तो वार्ता करने का क्या मतलब है?” खामेनेई ने कहा कि ट्रंप प्रशासन से वार्ता करने का मतलब होगा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों को और सख्त करना और देश पर दबाव बढ़ाना।
डोनाल्ड ट्रंप ने इस पत्र के माध्यम से चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि ईरान को या तो सैन्य बल से या फिर एक समझौते के माध्यम से ही संभाला जा सकता है।
यह चिट्ठी बुधवार को ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराकची को संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति के सलाहकार अनवर गर्गाश ने सौंपा था। खामेनेई ने कुछ विश्वविद्यालय के छात्रों से बातचीत करते हुए ट्रंप की वार्ता की पेशकश को “धोखाधड़ी” करार दिया।
ईरान की इस ताजा प्रतिक्रिया निश्चित तौर पर अमेरिका को एक बड़ा झटका लगा होगा। अब देखना होगा कि ईरान की इस तीखी प्रतिक्रिया के बाद अमेरिका अगला कदम क्या उठाता है। ट्रंप लगातार ईरान पर दबाव बना रहे ताकि उसे इंटरनेशनल मार्केट से अलग-थलग किया जा सके।
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