जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में मानसून ने विकराल रूप धारण कर लिया है। राज्यभर में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं और कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। मौसम विभाग ने रविवार को जानकारी दी कि 4 अगस्त (सोमवार) को भी प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।
65 जिलों में अलर्ट, कई इलाकों में मेघगर्जन और वज्रपात की चेतावनी
मौसम विभाग ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ तेज बारिश की संभावना जताई है, जबकि पूर्वी यूपी के कई स्थानों पर भी भारी बारिश होने की संभावना है। विभाग ने कई जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है।
बहुत भारी बारिश वाले जिले (ऑरेंज अलर्ट)
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मथुरा, हाथरस, आगरा, संभल, बदायूं, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर
इन जिलों में आज मेघगर्जन, वज्रपात और अत्यधिक वर्षा की चेतावनी दी गई है। -
भारी बारिश की चेतावनी वाले जिले (येलो अलर्ट)
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नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, एटा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, जालौन, कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, हरदोई, बाराबंकी, अयोध्या, रायबरेली, अमेठी, बागपत, संत कबीर नगर, बस्ती, महाराजगंज सहित अन्य जिलों में भारी बारिश और बिजली गिरने का खतरा है।
अन्य जिलों में सामान्य से मध्यम बारिश
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ललितपुर, झांसी, हमीरपुर, महोबा, बांदा, फतेहपुर, चित्रकूट, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, गोरखपुर, आजमगढ़, मऊ, देवरिया, बलिया, चंदौली, प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी, कुशीनगर, गाज़ीपुर, वाराणसी आदि जिलों में भी अनेक स्थानों पर बारिश होने के आसार हैं।
17 जिलों में बाढ़ जैसे हालात, नदियों का जलस्तर बढ़ा
राज्य के 17 से अधिक जिलों में बाढ़ का प्रभाव देखा जा रहा है। गंगा, यमुना, सरयू और अन्य प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब या ऊपर पहुंच चुका है। इसके चलते सैकड़ों गांव जलमग्न हो चुके हैं और कई क्षेत्रों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है।
प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया है और प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य सामग्री, दवाइयों और राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। नावों और मोटरबोट्स की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
तापमान में गिरावट की संभावना
मौसम विभाग ने संकेत दिया है कि अगले 24 घंटों में अधिकतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा, लेकिन उसके बाद 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आ सकती है।
बरसात का कहर 6 अगस्त तक, उसके बाद राहत की उम्मीद
जानकारों के मुताबिक, 6 अगस्त के बाद राज्य में बारिश की तीव्रता में धीरे-धीरे कमी आने की संभावना है, लेकिन तब तक कई जिलों को अलर्ट मोड में रहने की जरूरत है।