जुबिली न्यूज डेस्क
पटना: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ मुखर होते हुए बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ निकाल रहे हैं। यह यात्रा कुल 1,300 किलोमीटर लंबी है और 20 जिलों को कवर करेगी। मंगलवार को इसका तीसरा दिन है और यात्रा आज नवादा जिले में रहेगी, जहां राहुल गांधी दो जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
राहुल गांधी ने इस यात्रा की शुरुआत रविवार को की थी। इसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और इंडिया गठबंधन के कई नेता मौजूद रहे। यात्रा के दौरान राहुल गांधी लगातार चुनाव आयोग पर निशाना साध रहे हैं। गया में सोमवार को आयोजित जनसभा में उन्होंने चेतावनी दी कि अगर केंद्र और बिहार में इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो ‘वोट चोरी’ के आरोप में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नवादा की सियासत क्यों अहम है?
नवादा बिहार के दक्षिणी हिस्से में स्थित है और मगध डिविजन का हिस्सा है। मगध डिविजन में 5 जिले (अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद, गया और नवादा) आते हैं। इस डिविजन में विधानसभा की 26 सीटें हैं, जिनमें 2020 के चुनाव में महागठबंधन ने 20 सीटों पर कब्जा किया था, जबकि एनडीए महज 6 सीटों तक सिमट गया था।
नवादा जिले की 5 विधानसभा सीटों में से 4 पर महागठबंधन ने जीत दर्ज की थी, जबकि एनडीए केवल एक सीट (वरसालीगंज) पर सफल हुआ था, जहां से बीजेपी की अरुणा देवी विजयी रही थीं। राजौली, हिसुआ, नवादा और गोबिंदपुर सीटें महागठबंधन के पास गई थीं।
इतिहास और राजनीतिक समीकरण
नवादा कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। यही जिला बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिन्हा का जन्मस्थान है। राहुल गांधी आज शाम शेखपुरा के बरबीघा में डॉ. श्रीकृष्ण सिन्हा चौक पर श्रद्धांजलि देंगे और फिर जनसभा को संबोधित करेंगे।
जातीय समीकरण की बात करें तो नवादा और मगध डिविजन में भूमिहार, दलित और मुस्लिम वोटर अहम भूमिका निभाते हैं। राहुल गांधी की रणनीति इन समुदायों को साधने के साथ-साथ भूमिहार वोटर्स को भी साधने की है।
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‘वोटर अधिकार यात्रा’ का उद्देश्य
कांग्रेस का दावा है कि यह यात्रा वोट चोरी रोकने और मतदाताओं को जागरूक करने के लिए निकाली जा रही है। राहुल गांधी का कहना है कि “हम जनता के साथ मिलकर वोटों की रक्षा करेंगे और गद्दारों को हटाएंगे।”