जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली. लोकसभा में “ऑपरेशन सिंदूर” पर जारी बहस के बीच कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सरकार से कई तीखे और अहम सवाल पूछे।
उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले जैसी घटनाएं न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा पर हमला हैं, बल्कि आम नागरिकों की जान की कीमत पर सिस्टम की जिम्मेदारी भी कसौटी पर है।
सवालों की बौछार, जवाब अधूरे
प्रियंका गांधी ने कहा, “पहलगाम में मारे गए नागरिक सरकार के भरोसे गए थे, लेकिन उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया गया।” उन्होंने सेना के साहस और बलिदान को सलाम करते हुए स्पष्ट किया कि यह सवाल सरकार की एजेंसियों और नीतियों की ज़िम्मेदारी को लेकर हैं, न कि सुरक्षाबलों पर। उनका कहना था कि “हमले के पीछे कौन थे, हम जानते हैं। लेकिन हमला हुआ क्यों? खुफिया एजेंसियों को भनक क्यों नहीं लगी?”
इतिहास की बात आप किजिए, मैं तो वर्तमान की बात करूंगी..🔥🔥
:- प्रियंका गांधी pic.twitter.com/6av7Ame4Le
— JAK 😎 (@DabangYogi) July 29, 2025
“श्रेय की होड़ और ज़िम्मेदारी का अभाव”
प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि “सेना के पराक्रम का श्रेय लेने की कोशिश तो होती है, लेकिन जवाबदेही कोई नहीं लेता।” उन्होंने यह भी कहा कि “उरी और पुलवामा जैसे हमलों के बाद भी कोई मंत्री पद से नहीं हटा, न कोई जिम्मेदारी ली गई।”
मणिपुर से दिल्ली तक हिंसा, और गृह मंत्रालय की चुप्पी
कांग्रेस सांसद ने मणिपुर हिंसा, दिल्ली दंगे और हालिया पहलगाम हमले को जोड़ते हुए कहा कि एक ही मंत्रालय के अधीन बार-बार गंभीर घटनाएं हो रही हैं, फिर भी नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं हो रहा।
इस 30 sec ने अमित शाह के पूरे भाषण को रगड़ दिया
प्रियंका गांधी ने अमित शाह को मुँहतोड़ जवाब दिया
🔥🔥🔥🔥🔥🔥 pic.twitter.com/czVjDVycpa
— Sandeep Singh (@ActivistSandeep) July 29, 2025
“हम सरकार के साथ हैं, लेकिन सवाल पूछना भी ज़रूरी”
प्रियंका गांधी ने कहा कि जब देश पर हमला होता है, तो “हम सब सरकार के साथ खड़े होते हैं”, लेकिन यह पूछना भी ज़रूरी है कि लापरवाही कहां हुई। उन्होंने लोकसभा में मृतक शुभम द्विवेदी की पत्नी का ज़िक्र करते हुए भावुक लहजे में कहा कि “उस महिला ने पति खोया, लेकिन अब तक ये स्पष्ट नहीं है कि उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी थी।”