
जुबिली न्यूज़ डेस्क
मध्यप्रदेश में सियासी ड्रामा अभी शांत नहीं हुआ है, इसी बीच बिहार का सियासी पारा भी चढ़ने लगा है। दरअसल राज्यसभा में 26 मार्च को 17 राज्यों की 55 सीटों के लिए चुनाव होने जा रही है। जिन राज्यों में राज्यसभा का चुनाव होने जा रहा है उसमे मध्य प्रदेश और बिहार भी शामिल हैं।
राजनीतिक दलों के बड़े नेता राज्यसभा पहुँचने के लिए अपनी-अपनी गोटियां सेट करने में लगे हैं। हाल ही में मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट की ख़बरें आईं थी। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इसके लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया था लेकिन ऐसी भी ख़बरें आईं कि, यह सब खेल राज्यसभा में अपनी सीट पक्की करने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता द्वारा खेला गया।
वहीं मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि, बिहार में इन दिनों लालू प्रसाद से मिलने के लिए रांची के रिम्स अस्पताल में नेताओं की लाइन लगी हुई है। ये नेता लालू प्रसाद के चक्कर इस लिए काट रहे हैं ताकि उन्हें राज्यसभा का प्रसाद मिल जाए।
क्या है बिहार राज्यसभा सीटों का समीकरण
बता दें कि बीजेपी के दो और जेडीयू के तीन राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल अप्रैल में पूरा हो रहा है। मौजूदा समीकरण के लिहाज से जेडीयू-बीजेपी के खाते से दो सीटें छिन सकती हैं। वहीं आरजेडी-कांग्रेस की संयुक्त ताकत और विपक्ष के समर्थन से उनके इनमें से तीन सीटें जीतने की क्षमता नजर आ रही है। दरअसल राज्य की कुल 243 विधानसभा सीटों में से जेडीयू के पास 70, बीजेपी के पास 54 और एलजेपी के पास दो विधायक हैं।
वहीं विपक्षी खेमे के आरजेडी और कांग्रेस के पास क्रमश: 80 और 26 विधायक हैं। जबकि सीपीआई (एमएल) के पास तीन, जीतन राम मांझी की पार्टी हम के पास एक और AIMIM के पास एक विधायक है। जबकि पांच निर्दलीय विधायक हैं। वहीं महिषी विधानसभा सीट रिक्त है।
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कांग्रेस और आरजेडी में एक तरह से समझौता हो चुका है कि दो सीटें आरजेडी के खाते में जाएंगी और एक कांग्रेस के पाले में। बता दें कि कांग्रेस के कैंडिडेट की जीत तभी संभव होगी जब आरजेडी अपने सरप्लस वोट कांग्रेस को दे और उसे संयुक्त विपक्ष का समर्थन हासिल हो।
यूपीए गठबंधन की तीन सीटों के लिए सबसे आगे जो नाम चल रहे हैं वो लालू प्रसाद यादव के ही परिवार से हैं। सूत्रों की माने तो राबड़ी देवी, तेज प्रताप यादव और लालू की एक बेटी इस दौड़ में शामिल हैं। इसके आलावा रघुवंश प्रसाद सिंह, जयप्रकाश नारायण यादव, जगदानंद सिंह और झारखंड से राज्यसभा सांसद प्रेम चंद्र गुप्ता भी लाइन में हैं।
एनडीए में भी राज्यसभा सीट के लिए जारी है जंग
राज्यसभा जाने के लिए जेडीयू और बीजेपी के नेताओं में भी जंग जारी है। शीर्ष नेतृत्व के सामने एक ओर जहां जातीय समीकरण साधने का संकट है तो वहीं दिग्गजों को भी संतुष्ट करना है।
जेडीयू से हरिवंश सिंह, कहकशां परवीन और रामनाथ ठाकुर का कार्यकाल पूरा हो रहा है। हरिवंश सिंह राज्यसभा में उप सभापति हैं और पार्टी उन्हें अगर दोबारा नहीं भेजती है तो जेडीयू के कोटे से यह महत्वपूर्ण पद निकल जाएगा। इसके अलावा बाकी दो राज्यसभा सीटों पर अतिपिछड़े समुदाय से आने वाले कहकशां परवीन और रामनाथ ठाकुर हैं, जो जेडीयू का मजबूत वोटबैंक माना जाता है। ऐसे में अब देखना होगा कि पार्टी इनमें से किसे दोबारा से भेजती है या फिर नहीं।
बीजेपी के एक नेता ने बताया कि बीजेपी के लिए आरके सिन्हा और डॉ सीपी ठाकुर में से किसी एक को चुनने को लेकर रणनीति बन रही है। दोनों ही नेता राज्यसभा के लिए जोर आजमाइश में लगे हैं।
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