जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। मोदी को रोकने के लिए कल इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक हो चुकी है लेकिन इस बैठक से जो खबरें सामने आई है वो काफी हैरान करने वाली रही ।
पहली खबर ये थी कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खडग़े का नाम सामने आया। इसका प्रस्ताव ममता और केजरीवाल लेकर आये थे लेकिन शाम होते-होते दूसरी खबर सामने आई कि इस प्रस्ताव पर लालू और नीतीश खुश नहीं है और दोनों ही नाखुश होकर इंडिया गठबंधन की बैठक से जल्दी चले गए थे।
हालाँकि इसपर नीतीश की पार्टी ने सफाई दी है। इस बीच दिल्ली में 29 दिसंबर को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई गई है।
ऐसे में इंडिया गठबंधन की बैठक के एक दिन नीतीश कुमार की पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक क्यों बुलाई है। अटकलें लगने लगी हैं कि क्या नीतीश कुमार कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं।
जानकारी मिल रही है कि बैठक में राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को जेडीयू पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा सकती है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जिनके पास वर्तमान में कोई संगठनात्मक पद नहीं है वह जेडीयू के अध्यक्ष का पदभार संभाल सकते हैं।
अब सवाल है कि नीतीश कुमार को ललन सिंह को लेकर इतने ज्यादा गम्भीर क्यों है। इसका सीधा जवाब है ललन सिंह की लालू यादव करीबी।

नीतीश को ये करीबी रास नहीं आ रही है और जल्द इस पर कोई फैसला ले सकते हैं। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार अपनी पार्टी को टूटने से बचाने चाहते हैं और इस वजह से वो अध्यक्ष बन सकते हैं, या इसके अलावा किसी और पार्टी का अध्यक्ष बनाकर अपने हिसाब से पार्टी को चलाना चाहते हैं नीतीश कुमार।
ऐसा अध्यक्ष जो उनके इशारे पर चले।अटकलें तो यहां तक लग रही है कि नीतीश कुमार कोई बड़ा फैसला लेने के लिए इस बैठक को बुलाया है।
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