जुबिली स्पेशल डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीपावली के अवसर पर देशवासियों के नाम लिखे पत्र में इस बार की दीपावली को ऐतिहासिक बताया है।
उन्होंने कहा कि इस बार कई जिलों में दीप पहली बार उस शांति की रोशनी में जले हैं, जहां कभी नक्सलवाद और माओवादी हिंसा का साया था। पीएम मोदी ने लिखा- “बीते वर्षों में अनेक लोग हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्यधारा में लौटे हैं और उन्होंने संविधान में आस्था जताई है। यह राष्ट्र के लिए गर्व की बात है।”
आत्मनिर्भर भारत का आह्वान
प्रधानमंत्री ने पत्र में नागरिकों से देश के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि “विकसित भारत” के लिए हर नागरिक का योगदान ज़रूरी है। पीएम मोदी ने आग्रह किया कि लोग स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं, “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना को मजबूत करें, हर भाषा का सम्मान करें, स्वच्छता बनाए रखें और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भोजन में तेल की मात्रा 10 प्रतिशत तक कम करें और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।
दीपावली का संदेश — ‘एक दीप दूसरे को जलाता है’
मोदी ने दीपावली के प्रतीकात्मक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “एक दीप जब दूसरे दीप को जलाता है तो उसका प्रकाश कम नहीं होता, बल्कि और बढ़ जाता है।” उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे समाज में सद्भाव, सहयोग और सकारात्मकता के दीप जलाएं।
अयोध्या और ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख
पत्र में पीएम ने अयोध्या के राम मंदिर का भी उल्लेख किया। उन्होंने लिखा कि यह दूसरी दीपावली है जब अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद दीपोत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम हमें मर्यादा और न्याय दोनों का पाठ पढ़ाते हैं। इसी भावना को भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान भी दर्शाया — जब देश ने मर्यादा का पालन करते हुए अन्याय का जवाब दिया।
स्वदेशी उत्पादों की बढ़ी मांग
इस साल दीपावली पर प्रधानमंत्री की स्वदेशी अपील का असर बाजारों में साफ दिखा। देशभर में 20 अक्टूबर को मनाए गए पर्व के दौरान उपभोक्ताओं ने स्थानीय और देसी उत्पादों की खरीदारी को प्राथमिकता दी। हालिया जीएसटी सुधारों का भी असर बाजारों में देखने को मिला — कीमतों में स्थिरता रही और लोगों ने बढ़-चढ़कर त्योहार की खरीदारी की।