Sunday - 7 January 2024 - 1:12 AM

पीएम मोदी ने बताया कि अगर कांग्रेस ना होती तो क्या होता

जुबिली न्यूज डेस्क

राज्यसभा में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए एक बार फिर कांग्रेस की आलोचना की।

राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडग़े और आनंद शर्मा पर तंज करते हुए की।

पीएम मोदी ने कहा, ‘खडग़े जी ने कुछ देश के लिए, कुछ दल के लिए, कुछ खुद के लिए बातें बतायीं। आनंद शर्मा जी ने भी ऐसा किया। उनको जऱा समय की तकलीफ रही, लेकिन फिर भी उन्होंने कोशिश की है. उन्होंने कहा कि देश की उपलब्धियों को स्वीकारा जाए। ‘

उन्होंने कहा कि अगर महात्मा गांधी की इच्छानुसार कांग्रेस न होती तो क्या होता। अगर कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता, अगर कांग्रेस न होती तो भारत विदेशी चस्पे के बजाय स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता, अगर कांग्रेस न होती तो देश पर इमरजेंसी का कलंक नहीं होता, दशकों तक करप्शन को संस्थागत न बनाकर रखा होता, जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी नहीं होती।

उन्होंने आगे कहा, अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता, सालों-साल पंजाब आतंक की आग में न जलता, कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोडऩे की नौबत न आती, बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएं न होती, देश के सामान्य आदमी को मूल सुविधाओं के लिए इतने साल इंतजार न करना होता।

पीएम मोदी ने सदन में कहा कि जिन लोगों को 50 साल काम करने का मौका मिला उन्होंने कुछ नहीं किया। 1975 में डेमोक्रेसी का गला घोंटने वालों को डेमोक्रेसी पर नहीं बोलना चाहिए। कांग्रेस ने डायनेस्टी के आगे सोचा ही नहीं है। भारत के लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा है, परिवारवादी पार्टियों का है, ये मानना पड़ेगा। पार्टी में भी जब कोई परिवार सर्वोपरि हो जाता है, तो सबसे पहली कैजुएल्टी टैलेंट की होती है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ” इस सदन में कुछ साथियों ने भारत की निराशाजनक तस्वीर पेश की और ऐसा लग रहा था कि उन्हें इसे पेश करने में आनंद भी आ रहा था।”

पीएम मोदी ने कहा कि मुझे लगता है कि सार्वजनिक जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और जय-पराजय होती रहती है, उससे छाई हुई व्यक्तिगत जीवन की निराशा कम से कम देश पर नहीं थोपनी चाहिए।

अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। कांग्रेस की समस्या यह है कि उन्होंने वंशवाद के अलावा कभी ुकुछ नहीं सोचा। भारत का लोकतंत्र परिवार आधारित पार्टियों के लिए सबसे बड़े ख़तरे का सामना कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, कांग्रेस,अर्बन नक्सल के चंगुल में फंसी हुई है। यही वजह है कि वह बार-बार बोल रही है कि हम इतिहास बदल रहे हैं। हम इतिहास नहीं बदल रहे हैं। हम उन्हें थोड़ा पहले ले जाते हैं। इसी कारण उन्हें दिक़्क़त होती है, क्योंकि उनका इतिहास तय है।

इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी कोरोना, महंगाई पर भी बोले लेकिन उनके निशाने पर कांग्रेस ही रही।

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पंडित नेहरू का भी किया जिक्र

प्रधानमंत्री मोदी ने गोवा का उदाहरण देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ”सरदार पटेल से प्रेरणा लेकर गोवा के लिए रणनीति बनाई गई होती तो भारत की आजादी के 15 साल बाद तक गोवा को गुलामी की जंजीरों में नहीं रहना पड़ता। नेहरू अपनी छवि को इतने लेकर चिंतित थे, कि गोवा में जिस समय सत्याग्रहियों पर गोलियां चल रही थीं, तब हमारे देश के प्रधानमंत्री ने कहा था कि मैं सेना नहीं भेजूंगा। गोवा के साथ कांग्रेस ने ये जुल्म किया।”

मोदी ने कहा कि गोवा के साथ-साथ लोगों के साथ भी कांग्रेस ने भेदभाव किया। इसके अलावा लता मंगेशकर के छोटे भाई हृदयनाथ मंगेशकर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें ऑल इंडिया रेडियो से इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उन्होंने वीर सावरकर की कविता को रेडियो पर प्रस्तुत किया था। उसके आठ दिन के अंदर उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया।

अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने साल 1955 में लाल किले की प्राचीर से दिए पंडित जवाहर लाल नेहरू के एक भाषण का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने गोवा में सेना भेजने से इनकार कर दिया था।

कोरोना पर मोदी ने क्या कहा?

पीएम मोदी ने कहा कि ‘कोरोना एक वैश्विक महामारी है और बीते सौ साल में मानवजाति ने ऐसा संकट नहीं देखा। यह संकट बहरुपिया है, और समय-समय पर अलग-अलग रूप लेकर आ रहा है। पूरी दुनिया इससे जूझ रही है, लेकिन आज पूरी दुनिया में भारत के कामों की सराहना हो रही है। यह किसी राजनीतिक दल की उपलब्धि नहीं है, यह सभी की उपलब्धि है।’

आम लोगों को धन्यवाद कहते हुए मोदी ने कहा, “भारत के लोगों ने वैक्सीन ले ली है और उन्होंने ऐसा न केवल अपनी सुरक्षा के लिए बल्कि दूसरों की सुरक्षा के लिए भी किया है। इतने सारे वैश्विक टीकाकरण विरोधी आंदोलनों के बीच ऐसा आचरण सराहनीय है।

उन्होंने कहा कि लोग कोरोना महामारी के इस समय में भारत की प्रगति के बारे में सवाल उठाते रहे लेकिन भारत ने सुनिश्चित किया कि 80 करोड़ नागरिकों को मुफ्त राशन मिले। यह भी सुनिश्चित किया गया कि गरीबों के लिए रिकॉर्ड घर बनाए जाएं। ये घर पानी के कनेक्शन से लैस हों।”

अपने संबोधन के दौरान मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की एक कविता का पाठ किया।

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प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत ने दवाई पहुंचाने के लिए बड़ा काम किया है। जब संकट का काल हो, चुनौतियां अपार हो, विश्व की शक्ति अपने बचाव में लगी हो ऐसे काल में उस संकट से बाहर निकलना हम सबके लिए प्रेरणा का काम है।”

महंगाई पर क्या बोले पीएम

राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने महंगाई पर भी बोले। उन्होंने बताया कि अमेरिका 40 साल में सबसे ज्यादा महंगाई के दौर से गुजर रहा है, ब्रिटेन 30 साल की रिकॉर्ड महंगाई झेल रहा है, ऐसे माहौल में भी हमने महंगाई को एक लेवल पर रोकने में सपलता पायी है।

महंगाई पर प्रधानमंत्री ने कहा कि महंगाई को एक लेवल पर रोकने का प्रयास किया गया। साल 2014 से 2020 तक ये दर 4-5 प्रतिशत तक था। इसकी यूपीए से तुलना करें तो पता चलेगा कि महंगाई होती क्या है।

उन्होंने कहा कि यूपीए के समय महंगाई डबल डिजिट में थी। आज हम एकमात्र बड़ी इकॉनमी हैं जो उच्चतम विकास और मध्यम महंगाई को देख रहे हैं। दुनिया की अर्थव्यवस्था को देखें तो वहां की अर्थव्यवस्था में या तो ग्रोथ स्लो हुई है या फिर महंगाई दशकों के रिकॉर्ड तोड़ रही है।

 

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