जुबिली न्यूज डेस्क
कहते है ना जाको राखे साइया मार सके ना कोई, ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसको लेकर ये कहावत सटीक बैठती है, जबतक भगवान किसी को ना मारे तबतक मौत नहीं हो सकती है। चाहे जन्म देने वाला ही मारने वाला क्यों ना हो। जी हा हैरान ना होइए, ये सच्च है, एक नवजात बच्ची के मां-बाप ने ही उसे जिंदा दफना दिया। वहीं इसके पीछे की वजह इससे भी ज्यादे हैरान करने वाली है। जिसे सुनकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे।
दंपति ने नवजात बच्ची को दफनाया
दरअसल गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर के गंभोई में गुरुवार को जीईबी के पास एक खेत में गड़ी नवजात बच्ची जीवित मिली थी। स्थानीय लोगों ने जब जमीन खोदी और उसे बाहर निकाला तो बच्ची जिंदा थी। उसे इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया। उस नवजात बच्ची के माता-पिता मिल गए हैं।

पुलिस ने माता-पिता को काडी तालुका में नंदसन के पास डंगरवा गांव से गिरफ्तार किया है। पिता पिछले 15 दिनों से अपने ससुराल गंभोई आया था। गंभोई पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर पूछताछ की है। हितेंद्र सिंह के खेत में एक महिला किसान ने जब मिट्टी में कुछ हिलता देखा तो वह चीख पड़ी और आसपास के लोग दौड़ पड़े। वहां खुदाई के दौरान जमीन में गड़ी नवजात बच्ची जीवित मिली। लोगों ने तत्काल 108 सेवाओं को सूचित किया और बच्ची को हिम्मतनगर सिविल अस्पताल पहुंचाया।
नवजात बच्ची मिट्टी के नीचे दबी मिली
पुलिस को इसकी सूचना दी गई। इस बारे में 108 साबरकांठा पर्यवेक्षक जामिन पटेल को सुबह 10 बजे फोन आया कि गंभोई में जीईबी के पास खेत में एक नवजात बच्ची मिट्टी के नीचे दबी मिली है। जिसके बाद 108 एम्बुलेंस मौके पर पहुंची। बच्ची को इलाज के लिए हिम्मतनगर सिविल में भर्ती कराया गया। वहां उसे ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।
ये भी पढ़ें-अखिलेश ने तिरंगा यात्रा को लेकर BJP को घेरा, लगाया ये गंभीर आरोप
इस वजह से बच्ची को दफनाया
पुलिस के अनुसार नवजात के माता-पिता मूल रूप से गांधीनगर के रहने वाले हैं। उसकी मा मंजुबेन के माता- पिता का घर गंभोई में है। वे यहां नवजात को लेकर आए थे। पति-पत्नी पिछले 15 दिनों से गंभोई में थे। गंभोई पुलिस की तीन अलग।अलग टीमों ने जांच शुरू कर मामले को सुलझा लिया। पूछताछ के दौरान पुलिस नवजात की मां तक पहुंच गई। बताया जा रहा है कि नवजात की गर्भनाल तक नहीं काटी गई थी। संदेह है कि जन्म के तुरंत बाद उसे जमीन में दबा दिया गया था। मां-बाप से पूछताछ में पता चला कि दंपति ने आर्थिक तंगी के कारण ये कदम उठाया। क्योकि वे दूसरे बच्चे का खर्चा उठाने में समर्थ नहीं थे।
ये भी पढ़ें- श्रीलंका ने चीनी जहाज को देश में घुसने से रोका, क्या भारत रहा वजह?
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
