जुबिली स्पेशल डेस्क
पाकिस्तान की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है। अदियाला जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बारे में लगातार फैल रही ‘मौत की खबरों’ पर शहबाज शरीफ सरकार स्पष्ट जानकारी देने से बच रही है। इसी बीच इमरान खान की बहन नूरीन नियाजी ने देश की मौजूदा स्थिति की तुलना हिटलर के दौर के जर्मनी से कर दी है।
न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में नूरीन ने दावा किया कि पाकिस्तान की व्यवस्था अब लोगों को चुप कराने के लिए डर, धमकी और सेंसरशिप का सहारा ले रही है। उनके अनुसार मीडिया पर ऐसी पाबंदियाँ लगाई गई हैं कि पत्रकार सच बोलने से घबराते हैं।

“पत्रकारों को हिरासत में लेकर दबाव बनाया जाता है”
नूरीन का कहना है कि हालात इतने खराब हो चुके हैं कि पत्रकारों को उठाया जाता है,दबाव में बयान लिए जाते हैं,और रिहाई के बाद भी उन्हें सार्वजनिक रूप से बोलने की अनुमति नहीं होती।
उन्होंने आरोप लगाया कि कई नामी पत्रकार डर के माहौल के कारण देश छोड़कर भाग चुके हैं। उनके अनुसार इन पत्रकारों के
बैंक खाते फ्रीज़ किए गए, पासपोर्ट जब्त किए गए और संपत्ति पर कार्रवाई की गई।
“जनरल मुनीर तानाशाह की तरह काम कर रहे हैं”
इमरान खान से पिछले एक महीने से मुलाकात न मिलने पर नूरीन अपनी अन्य बहनों अलीमा खान और डॉ. उजमा खान—के साथ विरोध के लिए पहुँचीं। नूरीन ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन के दौरान पंजाब पुलिस ने उनके साथ धक्का-मुक्की की।
उन्होंने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को “तानाशाह” बताते हुए कहा:
पाकिस्तान में वास्तविक सत्ता सेना के हाथ में है, और मुनीर, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी अधिक शक्तिशाली हैं। साथ ही दावा किया कि चुनाव में शहबाज शरीफ की जीत भी सेना की मदद से ही संभव हुई।सरकार का दावा है कि इमरान खान ठीक हैं, लेकिन हमला प्लान कर रहे हैं”
इमरान खान को लेकर बढ़ते सवालों के बीच प्रधानमंत्री के राजनीतिक सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने एक विवादित बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि इमरान खान बिल्कुल सुरक्षित हैं,डॉक्टर लगातार निगरानी कर रहे हैं,दवा, भोजन और व्यायाम की पूरी सुविधा उपलब्ध है।लेकिन मुलाकात रोकने के सवाल पर उन्होंने दावा किया कि इमरान इस्लामाबाद पर हमले की योजना बना रहे हैं, इसलिए मुलाकात की अनुमति नहीं दी जा सकती।उनके इस बयान ने सरकार की मंशा को लेकर कई नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
कासिम खान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की इमरान खान के बेटे कासिम खान ने मामला और गंभीर करते हुए दुनिया भर के नेताओं और संस्थाओं से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है। कासिम के अनुसार:
इमरान खान 845 दिनों से हिरासत में हैं,
पिछले छह हफ्तों से उन्हें डेथ सेल जैसे एकांतवास में रखा गया है,न परिवार को मिलने दिया जा रहा है,न फोन कॉल,न ही “प्रूफ ऑफ लाइफ” दिखाया गया है।उन्होंने कहा कि यह “सिक्योरिटी प्रोटोकॉल” नहीं, बल्कि उनके पिता की स्थिति छुपाने की जानबूझकर की गई कोशिश है।
कासिम ने चेतावनी दी कि“मेरे पिता की सुरक्षा और इस अमानवीय एकांतवास से होने वाले किसी भी परिणाम के लिए पाकिस्तान सरकार जिम्मेदार होगी।”
अफगानिस्तान में अमेरिका के पूर्व राजदूत ज़ालमे खलीलज़ाद ने भी पाकिस्तान की चुप्पी पर चिंता जताई है।
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