Tuesday - 9 January 2024 - 5:50 PM

प्याज पर राजनीति के बीच मोदी सरकार ने ‘एडिबल बल्ब’ का दिया ऑर्डर

न्‍यूज डेस्‍क

प्याज की कीमतों को लेकर देश में हाहाकार मचा है। दिसंबर की सर्दी में प्याज इस वक्त आंसू निकाल रहा है।  संसद के अंदर और बाहर इस मुद्दे बहुत हंगामा हो रहा है। देश के कई शहरों में प्याज की कीमत 100 रुपये से लेकर 150 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। मध्य प्रदेश के मंदसौर में एक किसान ने भी 30,000 रुपये की प्याज की फसल की चोरी होने की बात कही है। जबकि देश के कई हिस्सों में चोरी की डर की वजह से किसान रात को प्याज के खेत में पहरा दे रहे हैं।

वहीं, प्याज की बढ़ती कीमतों और इस पर जमकर हो रही राजनीति के बीच केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है और 1.2 लाख टन प्याज आयात करने का फैसला किया है। प्याज के भंडारण की सीमा तय कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार, सरकारी ट्रेडिंग कंपनी MMTC ने टर्की से 11,000 टन एडिबल बल्ब आयात करने का ऑर्डर दिया है।

हालांकि, चारो तरफ प्याज को लेकर शोर-शराबे के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ-साफ बता दिया है कि कि वह प्याज़ नहीं खाती हैं। इसलिए उन्हें फर्क नहीं पड़ता है कि प्‍याज के दाम बढ़ रहे हैं या घट रहे हैं। लेकिन वित्त मंत्री का ये बयान विपक्ष को पसंद नहीं आया। उनके इस बयान पर राजनीतिक घमासान छिड़ गया है। संसद, सड़क और सोशल मीडिया में प्याज की बढ़ी कीमतों और वित्प मंत्री के हास्यास्पद बयान को लेकर सरकार घिरती नजर आ रही है।

वहीं, संसद के बाहर बढ़ी हुई प्‍याज की कीमतों को लेकर विपक्ष धरना प्रदर्शन कर रहा है और उसकी अगुवाई 106 दिन बाद जेल से बाहर आए पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने की। वित्‍त मंत्री के बयान पर पूर्व वित्‍त मंत्री ने करारा वार किया है। पी. चिदंबरम का कहना है कि जो सरकार कम प्याज खाने को कहती है, उसे चले जाना चाहिए।

गुरुवार को संसद भवन पहुंचे पी. चिदंबरम ने आजतक से कहा, ‘…जो सरकार लोगों को कम प्याज और लहसुन खाने की सलाह देती है, उसे चले जाना चाहिए। अर्थव्यवस्था के मामले में ये सरकार पूरी तरह से फेल हुई है’। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि अगर निर्मला सीतारमण प्याज नहीं खाती हैं तो क्या खाती हैं? क्या वह एवोकाडो खाती हैं?

निर्मला के बयान पर मचा बवाल

बता दें कि बुधवार को ही लोकसभा की कार्यवाही के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब भाषण दे रही थीं, तो उन्होंने प्याज को लेकर कमेंट किया था। कांग्रेस नेता की ओर से प्याज का मुद्दा उठाने पर निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया था, ‘..’मैं इतना लहुसन, प्याज नहीं खाती हूं जी. मैं ऐसे परिवार से आती हूं जहां अनियन से मतलब नहीं रखते।’

राजनीति के इतर प्याज के देशव्यापी समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे प्याज के जमाखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, बफर स्टॉक तैयार करें और किफायती कीमत पर आयातित एडिबल बल्ब (कच्चा प्याज) का वितरण करें।

कैबिनेट सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता वाली राज्यों के मुख्य सचिवों की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया। यह बैठक प्याज की ऊंची कीमतों के हालात पर विचार करने के लिए बुलाई गई थी।

प्याज उत्पादक 11 प्रमुख राज्यों के मुख्य सचिवों को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से संबोधित करते हुए गाबा ने यह कदम उठाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिवों ने गाबा को यह बताया कि अपने राज्य में वे प्याज की कीमतों पर अंकुश के लिए क्या कदम उठा रहे हैं।

इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्य सचिवों ने हिस्सा लिया।

इस बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है, ‘कैबिनेट सचिव ने राज्यों को निर्देश दिया है कि अस्थायी कमी को देखते हुए प्याज की पूरी उपलब्धता को बढ़ाया जाए ताकि कीमतों पर अंकुश लग सके।’

बयान में कहा गया है, ‘राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वे प्याज का पर्याप्त बफर स्टॉक बनाए रखें, व्यापारियों के पास प्याज भंडारण की सीमा तय करें और यह सुनिश्चित करें कि जमाखारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो.’

गाबा ने कहा कि केंद्र सरकार ने हालात से निपटने के लिए 11,000 टन प्याज आयात को मंजूरी दे दी है जिसकी आपूर्ति दिसंबर के अंतिम हफ्ते तक हो जाएगी। इसके अलावा मिस्र से 6,090 टन आयात को मंजूरी दी गई है, जिसकी आपूर्ति दिसंबर के दूसरे हफ्ते में होने की उम्मीद है।

बयान में कहा गया है, ‘कैबिनेट सचिव ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे अपने खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग का इस्तेमाल किफायती कीमत पर प्याज खरीदने के लिए करें।’ इस बैठक में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय के सचिव भी शामिल हुए।

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