जुबिली न्यूज डेस्क
पंजाब के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. किसानों ने करीब पांच जिलों में पक्के मोर्चे लगाने शुरू कर दिए हैं और कई जगहों पर हाईवे को जाम कर दिया है. इससे आम जनता को एक बार फिर से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आज गुरुवार को उन्होंने धरने प्रदर्शन को जारी रखने का ऐलान कर दिया है.

संयुक्त किसान मोर्चा और भारती किसान यूनियन के बैनर तले सैकड़ों किसानों ने अपनी लंबित मांगों को पूरा नहीं करने पर बठिंडा और मनसा जिलों में सड़कों को जाम कर दिया है. कुछ किसानों ने अमृतसर-पठानकोट हाईवे को भी जाम कर दिया है. वहीं आज गांव से और किसानों को धरने में शामिल होने के लिए बुला लिया है. इस दौरान विभिन्न जिलों में सड़क जाम होने से राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
क्या हैं किसानों की मांग
बीकेयू के स्वर्ण सिंह ने कहा है कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. इसमें पराली न जलाने का मुआवजा और किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को रद्द करना शामिल है. राज्य सरकार ने हमारी कुछ मांगों को मानने पर सहमति जताई थी, लेकिन अभी भी आधिकारिक अधिसूचना का इंतजार है. किसानों को लगता है कि आप सरकार द्वारा उनके साथ धोखा किया जा रहा है और उनकी उपेक्षा की जा रही है. अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो हम अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने को मजबूर होंगे.
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वहीं बीकेयू के महासचिव काका सिंह कोटरा ने कहा है कि गुलाबी सुंडी और सफेद मक्खी के हमले से नुकसान उठाने वाले किसानों को मुआवजा देने के बड़े-बड़े वादे करने के बावजूद राज्य सरकार ने इस दिशा में कुछ नहीं किया है. किसान आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के परिवारों को राहत या सरकारी नौकरी नहीं दी गई है.
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