जुबिली स्पेशल डेस्क
पूरा विश्व कोरोना के कहर से जूझ रहा है। हालांकि कोरोना अभी जड़ से खत्म नहीं हुआ है। इतना ही नहीं दुनिया कई देशों में अब भी कोरोना खतरनाक नजर आ रहा है।
दुनिया में अभी खत्म नहीं हुआ तो एक और वायरस अब दस्तक देने की तैयारी में है। जी हां इस वायरस का नाम है मंकीपॉक्स। जानकारी के मुताबिक ब्रिटेन में इस वायरस में अपना पांव पसारना शुरू कर दिया है।
बताया जा रहा है कि वहां पर नॉर्थ वेल्स में एक ही परिवार के दो लोगों में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है। हालांकि जानकारों का कहना है आम जनता में इसके जोखिम का खतरा कम है।

यूके की नेशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक, पहले से 5वें दिन में शरीर में रैशेस आने लगते हैं। शुरुआत में ये चिकत्ते चेहरे पर आते हैं और उसके बाद धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैलते हैं. बीमारी के दौरान ये रैशेस लाल रंग के हो जाते हैं. आखिर में ये रैशेस स्काब (पपड़ी) बनकर गिर जाते हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने ये भी दावा किया है कि ये वायरस विदेश से ब्रिटेन में आया है। हालांकि, अच्छी बात ये है कि स्मॉलपॉक्स से बचाने वाली वैक्सीन वैक्सीनिया मंकीपॉक्स के खिलाफ भी असरकारक है।
ब्रिटिश न्यूज वेबसाइट द वीक ने मंकीपॉक्स को लेकर एक रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दोनों ही संक्रमित यूके के बाहर संक्रमित हुए होंगे। इसके बाद आनन-फानन में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग भी वहां पर शुरू कर दी है।
डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स को लेकर क्या कहा
डब्ल्यूएचओ की माने तो मंकीपॉक्स जानवरों से इंसानों में फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी है। इसका असर सबसे ज्यादा मध्य और पश्चिमी अफ्रीकी देशों देखा जा सकता है।
कहा जा रहा है यहीं से दूसरे हिस्सों में फैलती है लेकिन सबसे जरूरी बात यह है कि है। ये बीमारी संक्रमित जानवर से सीधे संपर्क में आने से फैल सकती है। देखने में ये चेचक की तरह होती है। इसमें बुखार, सिरदर्द, कमर में दर्द, मांसपेशियों में अकडऩ और कमजोरी होती है।
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