जुबिली न्यूज डेस्क
देहरादून, भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अब उत्तराखंड के मदरसों में पढ़ाया जाएगा। यह ऐतिहासिक और साहसी अभियान अब धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ राष्ट्रभक्ति का पाठ भी बनेगा।

उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष शमून कासमी ने इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य ताकत और आत्मसम्मान का परिचय दुनिया को दिया है, और इसका अध्ययन हर बच्चे को होना चाहिए, खासकर मदरसों के छात्रों को। “हम चाहते हैं कि हमारे मदरसों के छात्र भी जानें कि किस तरह भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया और देश का गौरव बढ़ाया,” – शमून कासमी, अध्यक्ष, उत्तराखंड मदरसा बोर्ड
क्या था ऑपरेशन सिंदूर?
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22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई पर्यटकों की हत्या हुई। 
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इसके जवाब में भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के अंदर आतंकी शिविरों पर हमला किया। 
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इस गोपनीय ऑपरेशन के दौरान भारत ने 9 से अधिक आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। 
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जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान के मिलिट्री एयरबेस और रनवे तक को निशाना बनाया। 
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12 मई को पाकिस्तान ने सीजफायर की अपील की जिसे भारत ने स्वीकार किया, लेकिन कड़ी चेतावनी के साथ। 
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इस फैसले का उद्देश्य:
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देशभक्ति की भावना को मज़बूत करना 
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छात्रों को राष्ट्रीय सुरक्षा, बलिदान और सैन्य साहस के बारे में जागरूक करना 
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मदरसा शिक्षा को समकालीन और राष्ट्रकेंद्रित बनाना 
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