प्रमुख संवाददाता
नई दिल्ली। कोरोना महामारी से लड़ने के लिए केन्द्र सरकार ने एक एक्शन प्लान तैयार किया है। इस एक्शन प्लान के तहत सरकार महामारी क़ानून में बदलाव करते हुए एक अध्यादेश लेकर आयेगी। इस अध्यादेश में डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा गैर ज़मानती अपराध होगा। इस तरह के अपराध में तीस दिन के भीतर कार्रवाई होगी और अधिकतम एक साल के भीतर फैसला किया जाएगा।
केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हिंसा के मामले को सरकार ने बहुत गंभीरता से लिया है। सरकार इस मुद्दे पर अध्यादेश ला रही है।
उन्होंने बताया कि इस अध्यादेश के लागू होने के बाद इस तरह का अपराध करने वालों को तीन महीने से लेकर पांच साल तक की सजा दी जायेगी। इसके अलावा इस नए क़ानून में 50 हज़ार से लेकर तीन लाख रुपये तक जुर्माना किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर है। उनके हित को ध्यान में रखकर बनाये गए इस क़ानून को राष्ट्रपति का हस्ताक्षर होते ही लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस क़ानून के लागू होने के बाद इस तरह के अपराधों में काफी कमी आयेगी।
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