जुबिली स्पेशल डेस्क
ईरान और इज़राइल के बीच जारी संघर्ष अब निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। जहां इज़राइल ने अमेरिका की मदद से इस युद्ध को अपने पक्ष में करने की कोशिश की, वहीं ईरान तमाम चुनौतियों के बावजूद लगातार सख्त जवाब दे रहा है।
अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद हालात और बिगड़ गए हैं। इसे ईरान ने “आग में घी डालने जैसा क़दम” बताया है। जंग के 11वें दिन, ईरान ने एक बार फिर इज़राइल के कई शहरों को निशाना बनाया है।
वहीं दूसरी ओर, अमेरिका अब शांति वार्ता की बात कर रहा है और ईरान से कूटनीतिक समाधान की उम्मीद जता रहा है। लेकिन ईरान ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है।

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ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने बयान दिया:”अब कूटनीति का समय खत्म हो चुका है। हमें आत्मरक्षा का अधिकार है और हम हर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।” ईरान का यह रुख साफ संकेत दे रहा है कि यह जंग जल्द खत्म होती नहीं दिख रही, बल्कि आने वाले दिनों में यह और गंभीर मोड़ ले सकती है।
अमेरिका की ओर से किए गए एयरस्ट्राइक के बाद ईरान ने अपने रुख को और अधिक सख्त कर लिया है।
ईरान के उप विदेश मंत्री ने साफ कर दिया है कि तेहरान अपना यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम जारी रखेगा।
तस्नीम समाचार एजेंसी के अनुसार, उप मंत्री ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा,“कोई भी देश हमें यह नहीं बताएगा कि हमें क्या करना है।”इस हमले को लेकर अब उत्तर कोरिया की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उत्तर कोरियाई विदेश मंत्रालय ने अमेरिका की आलोचना करते हुए कहा कि,“अमेरिकी सेना ने ईरान की संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन किया है।”
ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव पर अब अन्य देशों की नजरें भी टिकी हैं, जिससे मध्य पूर्व में संघर्ष का दायरा और बढ़ सकता है।