जुबिली स्पेशल डेस्क
पुणे की अदालत में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नाम से दायर एक आवेदन को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। यह आवेदन सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले की सुनवाई के दौरान पेश किया गया था, जिसमें उनकी जान को गंभीर खतरे की आशंका जताई गई थी।
कांग्रेस ने इस पर सफाई देते हुए स्पष्ट किया है कि यह आवेदन राहुल गांधी की अनुमति के बिना उनके वकील द्वारा दायर किया गया था। पार्टी की मीडिया सेल प्रभारी सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि राहुल गांधी इस आवेदन की सामग्री से पूरी तरह असहमत हैं और इसे वापस लिया जाएगा।
दरअसल, आवेदन में दावा किया गया था कि हाल के राजनीतिक घटनाक्रम और सावरकर पर पहले दिए गए बयानों के कारण राहुल गांधी की सुरक्षा को खतरा बढ़ गया है।इसमें महात्मा गांधी की हत्या का भी संदर्भ दिया गया था और कहा गया था कि इतिहास को खुद को दोहराने नहीं दिया जाना चाहिए। साथ ही, बीजेपी नेताओं रवीनीत सिंह बिट्टू और तरविंदर सिंह मारवाह से कथित धमकियों का भी जिक्र किया गया था।
इस मामले पर राहुल गांधी के वकील एडवोकेट मिलिंद डी. पवार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर स्वीकार किया कि 13 अगस्त 2025 को दाखिल यह पर्सिस बिना क्लाइंट के निर्देश और बिना परामर्श के तैयार किया गया था। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने इसकी सामग्री पर असहमति जताते हुए इसे वापस लेने का निर्देश दिया है। पवार ने कहा कि वे अदालत में औपचारिक आवेदन देकर पर्सिस वापस लेंगे।