जुबिली स्पेशल डेस्क
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर देश के विभिन्न हिस्सों में बंगाली भाषा बोलने वाले लोगों पर हो रहे कथित हमलों और उत्पीड़न का मुद्दा उठाया है। पश्चिम बंगाल कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चौधरी ने प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं राज्य में सांप्रदायिक तनाव और हिंसा को बढ़ावा दे सकती हैं।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों का “एकमात्र अपराध” यह है कि वे बंगाली भाषा बोलते हैं, जिसे कई जगहों पर प्रशासन गलत तरीके से पड़ोसी बांग्लादेश के नागरिकों से जोड़ देता है और उन्हें घुसपैठिया मान लिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल के कई इलाके बांग्लादेश से सीमा साझा करते हैं और वहां मुस्लिम आबादी अपेक्षाकृत अधिक है, ऐसे में देश के अन्य हिस्सों में होने वाली इस तरह की घटनाओं का असर इन क्षेत्रों में सामाजिक सौहार्द पर पड़ रहा है।
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे देश के विभिन्न राज्यों में काम कर रहे प्रवासी मजदूरों के साथ हो रहे भेदभाव, हिंसा और उत्पीड़न के मामलों को गंभीरता से लें और सभी राज्य सरकारों को इस मुद्दे पर संवेदनशील बनने के निर्देश दें।
इस संदर्भ में अधीर रंजन चौधरी ने ओडिशा की एक हालिया घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर निवासी 30 वर्षीय प्रवासी मजदूर ज्वेल राणा की ओडिशा के संबलपुर में कथित तौर पर ‘बीड़ी’ को लेकर हुए विवाद के बाद हत्या कर दी गई। इसके अलावा, मुंबई में भी दो प्रवासी मजदूरों को बांग्लादेश से अवैध रूप से आए होने के शक में गिरफ्तार किए जाने की खबर सामने आई है।
वहीं, पश्चिम बंगाल प्रवासी कल्याण बोर्ड ने दावा किया है कि पिछले 10 महीनों में उसे प्रवासी मजदूरों के उत्पीड़न से जुड़ी 1,143 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से अधिकांश मामले भाजपा शासित राज्यों से संबंधित बताए गए हैं।
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