जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली. संसद की स्थायी समितियों का गठन कर दिया गया है। कुल 24 समितियों में बीजेपी को 11, कांग्रेस को 4, टीएमसी को 2, डीएमके को 2, समाजवादी पार्टी, जेडीयू, एनसीपी (अजित पवार गुट), टीडीपी और शिवसेना (शिंदे गुट) को 1-1 समिति की कमान सौंपी गई है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष बने रहेंगे, जबकि बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी को जल संसाधन समिति की जिम्मेदारी दी गई है। टीएमसी की डोला सेन वाणिज्य समिति की अध्यक्ष होंगी और बीजेपी सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल गृह मामलों की समिति का नेतृत्व करेंगे।
दिग्विजय सिंह महिला व बाल विकास, शिक्षा व युवा मामलों की समिति के अध्यक्ष बने हैं। डीएमके सांसद टी. शिवा उद्योग समिति, जेडीयू के संजय कुमार झा परिवहन समिति, राम गोपाल यादव स्वास्थ्य व परिवार कल्याण समिति, निशिकांत दुबे संचार व आईटी समिति, राधा मोहन सिंह रक्षा समिति, भर्तृहरि महताब वित्त समिति, सी.एम. रमेश रेलवे समिति, कीर्ति आजाद रसायन व उर्वरक समिति और अनुराग सिंह ठाकुर कोयला, खनन व स्टील समिति के अध्यक्ष होंगे।
साथ ही बैजंयत पांडा को Insolvency and Bankruptcy Code पर सेलेक्ट कमेटी और बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या को जनविश्वास बिल से जुड़ी सेलेक्ट कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है।
समितियों का कार्यकाल बढ़ाने पर विचार
सरकार संसद की स्थायी समितियों का कार्यकाल एक साल से बढ़ाकर दो साल करने पर विचार कर रही है। सांसदों का कहना है कि मौजूदा अवधि में सार्थक काम कर पाना मुश्किल होता है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति सी.पी. राधाकृष्णन से चर्चा के बाद इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
वर्तमान में संसद की 24 विभागीय स्थायी समितियां हैं। इनमें 8 की अध्यक्षता राज्यसभा सदस्य और 16 की अध्यक्षता लोकसभा सदस्य करते हैं। इसके अलावा वित्तीय व तदर्थ समितियां भी समय-समय पर विभिन्न विधेयकों और मुद्दों पर विचार के लिए गठित की जाती हैं।