न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव 2019 में मिली अभूतपूर्व जीत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी संसदीय दल का नेता चुन लिया गया है। नरेंद्र मोदी गुरुवार को प्रधानमंत्री के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने वाले हैं।
इस बीच मोदी सरकार के नए कैबिनेट के लिए भी चर्चाएं शुरू हो गयीं हैं। बताया जा रहा है कि नए कैबिनेट में कुछ नई पार्टियों और युवा चेहरों को मौका मिल सकता है। मोदी युवाओं के साथ अनुभव को भी तरजही देंगे।
इसके संकेत उन्होंने एनडीए संसदीय दल के बैठक में दिया था। उनहोंने कहा कि एनडीए की विशेषता है- विश्वास, इसे हमने आगे बढ़ाया है। एनडीए के पास दो अमानत है- पहली एनर्जी और दूसरी सिनर्जी, यानी ऊर्जा और तालमेल।
नई पार्टियों में जेडीयू (जेडीयू) और AIADMK (अन्ना द्रमुक) के अलावा पश्चिम बंगाल और तेलंगाना जैसे राज्यों के ज्यादा चेहरे दिखाई दे सकते हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मोदी सरकार के इस नए कैबिनेट में दक्षिण भारत की पार्टियों को भी उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।

जानकारों की माने तो ऐसा करने से बीजेपी उन राज्यों में अपनी जमीन मजबूत करने की कोशिश करेगा जहां उनकी पकड़ कमजोर है। सूत्रों की माने तो मोदी कैबिनेट में जेडीयू को एक पद मिलने पर मुहर लग चुकी है और इसके अलावा एक राज्यमंत्री का पद भी दिया जा सकता है।
इसके अलावा लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के मुखिया रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। चिराग जमुई से दुबारा जीतकर आए हैं। रामविलास खुद पिछली सरकार में मंत्री थे और सबसे वरिष्ठ सांसदों में से एक हैं। 2019 में एलजेपी ने छह सीटों पर जीत हासिल की है।
वहीं, लोकसभा चुनाव में एक सीट जीतने वाली AIADMK को मंत्रीमंडल में शामिल किया जा सकता है। गौरतलब है कि AIADMK तमिलनाडु में सत्ता में है और दक्षिण भारत में बीजेपी की प्रमुख सहयोगी है।
ममता बनर्जी के दुर्ग में सेंध लगा कर 18 सीट जीतने वाली बीजेपी मोदी सरकार में पश्चिम बंगाल से कई चेहरों को मौका दे सकती है। बीजेपी को तेलंगाना में भी 4 सीटें मिली हैं और यहां से भी एक मंत्री कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।
साथ ही राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, नरेंद्र सिंह तोमर और प्रकाश सिंह जावड़ेकर जैसे पिछले कैबिनेट के वरिष्ठ चेहरे नई कैबिनेट का भी हिस्सा हो सकते हैं।
ऐसी भी चर्चाएं हैं कि गांधीनगर से बड़े अंतर से जीत दर्ज करने वाले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को भी नए कैबिनेट में अहम पद दिया जा सकता है। चर्चा है कि शाह को गृहमंत्रालय जिम्मेदारी दी जा सकती है।
चर्चा है कि वरिष्ठ नेता अरुण जेटली स्वास्थ्य कारणों ने शायद नए कैबिनेट का हिस्सा न रहें, अगर ऐसा होता है तो उनकी पियूष गोयल वित्त मंत्री बन सकते हैं। इसके अलावा राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय की कमान सौंपी जा सकती है। इसके अलावा अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को करारी शिकस्त देने वाली स्मृति ईरानी का कद भी मोदी मंत्रीमंडल में बढ़ सकता है।
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