जुबिली स्पेशल डेस्क
तेल अवीव / वाशिंगटन। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया है कि ईरान अब इतनी उन्नत मिसाइल क्षमता हासिल कर चुका है कि जल्द ही अमेरिका के बड़े शहर उसकी ‘एटॉमिक रेंज’ में आ जाएंगे।
नेतन्याहू ने चेतावनी दी कि ईरान 8000 किलोमीटर रेंज वाली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) विकसित कर चुका है और अगर इसमें कुछ सौ किलोमीटर की वृद्धि होती है, तो यह सीधे अमेरिकी भूभाग को भी निशाना बना सकेगी।
“न्यूयॉर्क से लेकर मियामी तक होगा खतरा”
एक इंटरव्यू में नेतन्याहू ने कहा, “अगर ईरान अपनी मिसाइल रेंज को 11,000 किलोमीटर तक ले जाता है, तो न्यूयॉर्क, वाशिंगटन, बॉस्टन और मियामी जैसे शहर उसकी पहुंच में होंगे।”
उन्होंने विशेष रूप से फ्लोरिडा के मार-ए-लागो का जिक्र करते हुए कहा कि “अब कोई भी सुरक्षित नहीं है अगर ईरान ने परमाणु क्षमता से लैस ICBM तैयार कर ली।”
मार-ए-लागो, जो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का निजी निवास भी रहा है, लंबे समय से अमेरिकी सत्ता प्रतिष्ठान का प्रतीक माना जाता है। नेतन्याहू का यह बयान इसीलिए ज्यादा राजनीतिक मायने भी रखता है।
अमेरिका-ईरान तनाव की नई परत
हाल ही में अमेरिका ने दावा किया था कि उसने ईरान के तीन प्रमुख यूरेनियम संवर्धन स्थलों — नतांज, इस्फहान और फोर्दो पर बी-2 बमवर्षक विमानों से हमले किए हैं।
हालांकि ईरान ने इसे “वैज्ञानिक प्रगति पर हमला” बताते हुए कहा कि “यूरेनियम एनरिचमेंट कोई हथियार नहीं, बल्कि अधिकार है।”इस बयान ने पश्चिमी देशों में फिर से यह आशंका बढ़ा दी है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को नए सिरे से आगे बढ़ा सकता है।
“ईरान का ICBM प्रोजेक्ट—मध्य पूर्व का नया डर”
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ईरान का बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम पहले ही पश्चिम एशिया में सबसे बड़ा माना जाता है।
1980 के दशक से चल रहे इस प्रोजेक्ट की निगरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) करती है।
जहां पहले ईरान की मिसाइलें केवल मीडियम रेंज (2000–3000 किमी) तक सीमित थीं, अब उसके ICBM प्रयास संकेत दे रहे हैं कि तेहरान लंबी दूरी की “रणनीतिक क्षमता” हासिल करने की कोशिश में है।
“क्या शुरू हो रहा है मिसाइल डिप्लोमेसी का नया दौर?”
कई रक्षा विश्लेषक मानते हैं कि नेतन्याहू का बयान केवल चेतावनी नहीं, बल्कि पश्चिमी देशों को ‘सख्त नीति अपनाने’ का संकेत भी है।
इजरायली खुफिया एजेंसियों को डर है कि यदि ईरान ने अपने ICBM प्रोजेक्ट को परमाणु तकनीक से जोड़ लिया, तो यह सिर्फ क्षेत्रीय नहीं बल्कि वैश्विक संकट बन सकता है।
ईरान की मिसाइल महत्वाकांक्षा अब सिर्फ मध्य पूर्व तक सीमित नहीं रही। नेतन्याहू के हालिया बयान ने संकेत दिया है कि आने वाले महीनों में वॉशिंगटन और तेहरान के बीच तनाव नए स्तर पर जा सकता है — और दुनिया एक बार फिर “परमाणु डर के नए अध्याय” की ओर बढ़ रही है।
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