जुबिली स्पेशल डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत में व्यक्तिगत और विशेष अंदाज़ में स्वागत कर दुनिया को चौंका दिया। पीएम मोदी खुद रात में पालम एयरपोर्ट पहुंचे, पुतिन के साथ एक ही कार में बैठे, और उन्हें सीधे अपने सरकारी आवास ले गए।
यह स्वागत सिर्फ कूटनीति नहीं, बल्कि एक मजबूत व्यक्तिगत रिश्ते का प्रदर्शन था। रूस ने भी मान लिया कि यह स्वागत पूरी तरह “अप्रत्याशित” था। राष्ट्रपति के कार्यालय ने लिखा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि पीएम मोदी स्वयं एयरपोर्ट पहुंचेंगे।पुतिन ने कार में पीएम मोदी के साथ सेल्फ़ी तक ली — ऐसा दृश्य दुनिया ने शायद पहली बार देखा।

भारत-रूस दोस्ती का बड़ा संदेश
पीएम मोदी ने पुतिन के आगमन पर कहा “भारत-रूस मित्रता समय की कसौटी पर खरी उतरी है… और इससे हमारे लोगों को बहुत लाभ हुआ है।”दोनों नेताओं की यह बॉन्डिंग ऐसे समय में दिखी है जब अमेरिका, यूरोप और यूक्रेन भारत पर लगातार दबाव डाल रहे हैं कि वह रूस से दूरी बनाए।लेकिन भारत ने साफ संकेत दिया रूस के साथ दोस्ती अटूट है और किसी दबाव में नहीं बदलेगी।
दोनों देशों के सामने साझा चुनौतियां और उम्मीदें
भारत और रूस दोनों ही कई कूटनीतिक, आर्थिक और रक्षा चुनौतियों से जूझ रहे हैं।
भारत चाहता है:
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S-500 मिसाइल सिस्टम
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सुखोई-57 फाइटर जेट सहयोग
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सस्ता कच्चा तेल
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रूस के साथ बड़ा व्यापारिक ढांचा
वहीं रूस की नजर भारत पर है —
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एशिया में रणनीतिक संतुलन
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दीर्घकालिक आर्थिक साझेदारी
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टेक्नोलॉजी और रक्षा सहयोग
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और भू-राजनीतिक समर्थन
5 दिसंबर: अग्निपरीक्षा जैसे बड़े फैसलों का दिन
दोनों नेताओं की गहन बैठक के बाद 5 दिसंबर को यह स्पष्ट होगा कि भारत-रूस साझेदारी का अगला अध्याय कैसा होगा। यह दिन तय करेगा क्या भारत को मिलेगा S-500?
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क्या सुखोई-57 का संयुक्त उत्पादन संभव है?
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क्या तेल पर बड़ी छूट तय होगी?
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क्या दोनों देश डॉलर-मुक्त व्यापार में बड़ा कदम उठाएंगे?
पूरी दुनिया इंतजार कर रही है कि मोदी–पुतिन की यह दोस्ती वैश्विक शक्ति संतुलन में क्या नया मोड़ लाती है।
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