Saturday - 6 January 2024 - 3:56 PM

पीएम मोदी के ‘मन की बात’ की दस बड़ी बातें

न्यूज डेस्क

केंद्र में दूसरी बार सरकार बनाने के बाद पीएम मोदी   रविवार से एक बार फिर अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। दोबारा पीएम बनने के बाद मोदी की यह पहली मन की बात होगी। बता दें की पीएम ने आखिरी ‘मन की बात’ 24 फरवरी को की थी उसके बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान तक इस कार्यक्रम को रोक दिया था।

पीएम मोदी ने 54 बार मासिक कार्यक्रम के जरिए राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा ‘एक लंबे अंतराल के बाद आपके बीच ‘मन की बात’, जन-जन की बात, का सिलसिला हम जारी कर रहे हैं। चुनाव की व्यस्तता में मन की बात का मजा ही गायब था, हमेशा से एक कमी महसूस कर रहा था। इस कार्यक्रम में हम 130 करोड़ देशवासियों के स्वजन के रूप में बातें करते थे।’

‘मन की बात’ देश और समाज के लिए आइने की तरह है। ये हमें बताता हां कि देशवासियों के भीतर मजबूती, ताकत और टैलेंट की कोई कमी नहीं है।

पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं जब भी ‘मन की बात’करता हूं तो आवाज मेरी, शब्द मेरे हैं, लेकिन कथा आपकी है, पुरुषार्थ आपका है, पराक्रम आपका है। इसके कारण में इस कार्यक्रम को नहीं आपको मिस कर रहा था,एक खालीपन महसूस कर रहा था।

उन्होंने कहा कि कई सारे संदेश पिछले कुछ महीनों में आए। जिसमें लोगों ने कहा कि वे ‘मन की बात’ को मिस कर रहे हैं। जब मैं पढ़ता हूं, सुनता हूं, मुझे अच्छा लगता है। मैं अपनापन महसूस करता हूं। मुझे लगता है कि ये मेरी स्व में समष्टि की यात्रा है। ये मेरी अहम से वयम की यात्रा है।

साथ ही कहा, ‘मन की बात’ में मुझे इतने खत आते हैं, इतने टेलीफोन कॉल आते हैं, इतने संदेश मिलते हैं, लेकिन शिकायत का तत्व बहुत कम होता है और किसी ने कुछ मांगा हो, अपने लिए मांगा हो, ऐसी तो एक भी बात, गत पांच वर्ष में, मेरे ध्यान में नहीं आई है। इस पर उन्होंने कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं। देश के प्रधानमंत्री को कोई चिट्ठी लिखे, लेकिन खुद के लिए कुछ मांगे नहीं, यह देश के करोड़ों लोगं की भावना कितनी ऊंची होगी।’

आपातकाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘जब देश में आपातकाल लगाया गया, तब उसका विरोध सिर्फ राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं था। दिन-रात जब समय पर खाना खाते हैं तब भूख क्या होती है, इसका पता नहीं होता है, वैसे ही सामान्य जीवन में लोकतंत्र के अधिकार का मजा क्या है वो तब पता चलता है जब कोई लोकतांत्रिक अधिकारों को छीन ले।’

मोदी ने कहा कि पानी बचाना हमारा लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए पंचायत स्तर पर पानी बचाने का प्रयास करेंगे। अभी हम बारिश का केवल आठ प्रतिशत ही बचा पाते है। पानी की समस्या को दूर करने के लिए हमने जल शक्ति मंत्रालय बनाया है। मेरा पहला अनुरोध है– जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया। वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें।

लोकसभा चुनाव में 61 करोड़ से ज्यादा लोगों ने वोट दिया। 61 करोड़- यह संख्या हमें बहुत ही सामान्य लग सकती है। लेकिन अगर दुनिया के हिसाब से मैं कहूं तो अगर एक चीन को छोड़ दे तो भारत में दुनिया के किसी भी देश की आबादी से ज्यादा लोगों ने वोटिंग किया था। इस बार का लोकसभा चुनाव अब तक के इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव था।

आपने कई बार मेरे मुंह से सुना होगा, ‘बूके नहीं बुक’, मेरा आग्रह था कि क्या हम स्वागत-सत्कार में फूलों के बजाय किताबें दे सकते हैं। मुझे हाल ही में किसी ने ‘प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानियां’ नाम की पुस्तक दी। प्रेमचंद की ‘ईदगाह’ कहानी का पात्र 4-5 साल का हामिद जब मेले से चिमटा लेकर अपनी दादी के पास पहुंचता है तो सच मायने में, मानवीय संवेदना अपने चरम पर पहुंच जाती है।

उन्होंने कहा 21 जून को फिर से एक बार योग दिवस में उमंग के साथ, एक-एक परिवार के तीन-तीन चार-चार पीढ़ियां, एक साथ आ करके योग दिवस को मनाया। शायद ही कोई जगह ऐसी होगी, जहां इंसान हो और योग के साथ जुड़ा न हो, योग ने इतना बड़ा रूप ले लिया है। योग दिवस के दिन पूरी दुनिया योग कर रही थी। लोगों ने सोशल मीडिया पर विडियो भी शेयर किये है यह एक परिवार की तरह लग रहा था।

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बीजेपी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने सत्ता में वापस आई है। 30 मई को नरेंद्र मोदी ने दोबारा प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। अपने पहले शासनकाल में पीएम मोदी ने 53 बार मासिक कार्यक्रम के जरिए राष्ट्र को संबोधित किया था।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात के अंतिम कार्यक्रम में कहा था कि स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं को ध्यान में रखते हुए इस प्रोग्राम को कुछ समय के लिए रोक रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘मार्च महीने में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, वह भी इस बार बतौर प्रत्याशी चुनाव में जा रहे हैं। ऐसे में जब आचार संहिता लागू होगी तो वह मन की बात नहीं कर पाएंगे।’

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गौरतलब है कि पीएम मोदी G20 शिखर सम्मेलन में जापान के ओसाका में शिरकत करने के बाद शनिवार को स्वदेश लौटे हैं। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कई देशों के नेताओं के साथ मुलाकात हुई। पीएम ने ओसाका में ब्राजील, इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ बैठकें कीं। इस सम्मेलन में उन्होंने व्यापार, पर्यावरण, आतंकवाद और भ्रष्टाचार के मुद्दे को पुरजोर से उठाया।

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