न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव में शानदार जीत और मुजफ्फरनगर सीट पर दंगे में हिंसा प्रभावित गांवों में भाजपा को समर्थन मिलने के बाद प्रदेश की योगी सरकार ने गुपचुप तरीके से तीन शासनादेश जारी कर दंगे के बीस मामले कोर्ट से वापस लिए जाने की अनुमति जिला प्रशासन को दे दी है।
सरकार ने अब तक कुल 74 मुकदमों को वापस लेने की अनुमति दे चुकी है। शासन की तरफ से जिन मुकदमों की वापसी की अनुमति दी गई है वे पुलिस और पब्लिक की तरफ से दर्ज कराए गए थे। ये सभी केस आगजनी, लूट, डकैती आदि धाराओं के हैं।
बता दें कि मुजफ्फरनगर में अगस्त 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगे के छह साल बाद भी दंगे के मामले को लेकर राजनीति जारी है। लोकसभा चुनावों में बुढ़ाना विधानसभा के दंगा प्रभावित फुगाना थाना क्षेत्र के गांवों में भाजपा को मिले समर्थन के बाद भाजपा विधायक उमेश मलिक प्रदेश सरकार से दंगों के मुकदमे वापस कराने के लिए सक्रिय हो गए थे।

अब उनके लगातार पैरवी करने के बाद आखिरकार प्रदेश सरकार ने अपनी 2022 की तैयारियों के मद्देनजर दंगे के मुकदमे वापस लेने की प्रक्रिया चुनाव परिणाम के बाद भी जारी रखी। तीन शासनादेशों से बीस मुकदमों को वापस लेने की अनुमति दी गई है।
एडीएम प्रशासन अमित कुमार सिंह ने बताया कि शासन की ओर से 20 मुक़दमे वापस लेने की अनुमति के शासनादेश आए हैं। इन मुकदमों की पत्रावली प्रशासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी और जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को भेज दी गई है।
बता दें पिछले वर्ष से मुजफ्फरनगर दंगे में मुक़दमे वापस लेने की कार्रवाई योगी सरकार ने शुरू की थी। लोकसभा चुनाव से पहले आठ मार्च को सात शासनादेश आए थे, जिनमे 48 मुक़दमे वापस लेने की अनुमति मिली थी। पांच मुक़दमे कोर्ट में निस्तारित हो चुके हैं, जबकि एक में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी है।
अब चुनाव के बाद तीन और शासनादेश जारी कर 20 मुकदमों को वापस लेने की अनुमति दी गई है। इसमें सबसे ज्यादा मुक़दमे फुगाना थाने का है। इसके अलावा भौराकलां, जारसठ, नई मंदी और शहर कोतवाली में दर्ज मुक़दमे भी शामिल हैं।
बताते चले कि पिछले साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानूनी सलाह लेने के बाद मुकदमे वापस लेने का आश्वासन दिया था। दरअसल बीजेपी सांसद संजीव बालियान ने मुख्यमंत्री से मिलकर मुक़दमे वापसी की गुजारिश की थी। संजीव बालियान का आरोप है कि दंगों के दौरान कुल 402 फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए। उनके मुताबिक, इन मुकदमों में 856 निर्दोष लोगों को फंसाया गया। इनमे 9 मुकदमे ऐसे थे, जिसमें 100 महिलाओ समेत 250 लोगों को आरोपी बनाया गया।
बता दें कि समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार के दौरान पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर में भीषण दंगा हुआ था। मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में अगस्त-सितंबर 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगे में 60 लोग मारे गए थे और 40 हजार से अधिक लोग बेघर हुए थे। मुजफ्फरनगर दंगो के दौरान कुल 502 मुकदमे दर्ज किये गए थे जिसमे 6867 लोग आरोपी बताये गये थे।
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