जुबिली न्यूज डेस्क
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराधिकारी को लेकर चल रही चर्चाओं पर स्पष्ट किया है कि यह फैसला भारतीय जनता पार्टी (BJP) और स्वयं नरेंद्र मोदी ही करेंगे। भागवत का यह बयान साफ संकेत देता है कि संघ भाजपा के भीतर उत्तराधिकार की बहस में किसी भी तरह की भूमिका नहीं निभाएगा।

PM मोदी के उत्तराधिकारी पर संघ प्रमुख का जवाब
चेन्नई में आयोजित RSS के शताब्दी वर्ष समारोह के दौरान जब भागवत से यह पूछा गया कि “नरेंद्र मोदी के बाद देश का प्रधानमंत्री कौन होगा?” तो उन्होंने कहा—“कुछ सवाल मेरे दायरे से बाहर हैं। इस बारे में मुझे कुछ भी कहना नहीं है। मैं सिर्फ शुभकामनाएं दे सकता हूं…मोदी जी के बाद कौन, यह खुद मोदी जी और बीजेपी तय करेंगे।”
संघ की उत्तराधिकार बहस में कोई दिलचस्पी नहीं
9 दिसंबर को दिए गए इस बयान को राजनीतिक हलकों में इस संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि RSS खुद को भाजपा के अंदर नेतृत्व परिवर्तन या भविष्य के PM के चयन की चर्चा से दूर रखना चाहता है।भागवत ने साफ कहा कि इन सवालों पर टिप्पणी करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने के लिए क्या कहा भागवत ने?
RSS प्रमुख ने इस दौरान समाज में मौजूद जाति और भाषा आधारित विभाजन की आलोचना की। उन्होंने कहा—
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भारत को विश्वगुरु बनाना है तो जातीय व भाषायी भेदभाव खत्म करना होगा।
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RSS को एक लाख से ज्यादा स्थानों तक विस्तार देना है।
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एकता और सामाजिक समरसता ही राष्ट्र को आगे ले जाएगी।
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तिरुचिरापल्ली में संघ प्रमुख का संदेश: “संवाद ज़रूरी है”
तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में ‘संघ की 100 वर्ष की यात्रा – नए क्षितिज’ कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा कि—
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RSS के बारे में धारणाएँ ज्यादा फैलती हैं, तथ्य कम।
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इसलिए देशभर में नए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ताकि स्वयंसेवक जनता से सीधा संवाद कर सकें।
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संघ के बारे में तथ्यात्मक, सटीक और स्पष्ट जानकारी लोगों तक पहुंचाई जाएगी।
भागवत ने स्वीकार किया कि पिछले 10–15 वर्षों में संघ चर्चा का केंद्र रहा है, लेकिन इन चर्चाओं में अक्सर तथ्यों की जगह धारणाएँ हावी रहती हैं।
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