
पॉलिटिकल डेस्क।
उत्तर प्रदेश के बहराइच में एक चुनाव जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, कोई भी गरीब किसी भी जाति, पंथ और संप्रदाय का हो, बिना पक्के घर के नहीं रहेगा ये मेरा संकल्प है। उन्होंने कहा कि सपा बसपा ने एक दूसरे के खिलाफ राजनीति की है, आज सूपड़ा साफ़ होने के डर से भले ही साथ आ गए हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि जो लोग पचास—पचपन सीट लेकर विपक्ष का नेता बनने की स्थिति में नहीं हैं, वो प्रधानमंत्री बनने के लिए दर्जी के पास कपड़े सिला रहे हैं। ये लोग चाहते हैं कि किसी भी तरह खिचड़ी सरकार बन जाए और जिस सरकार के लिए देशहित प्राथमिकता है, वही भेदभाव की दीवारों को तोडकर काम करती है।
उन्होंने कहा कि जब सरकार मजबूर, ढीली-ढाली होती है तो 11 महीने या एक साल या दो साल में प्रधानमंत्री बदल जाते हैं और देश का विकास होता ही नहीं है। ‘महामिलावटी’ दलों को सिर्फ और सिर्फ अपने वोटबैंक की चिन्ता है।
बहराइच जिला है लकी
उत्तर प्रदेश की बहराइच लोकसभा सीट भले ही किसी और के लिए खास न हो, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए बेहद खास है। मोदी का बहराईच से खास कनेक्शन है। दरअसल मोदी बहराइच को अपने लिए लकी मानते हैं। वह जब-जब बहराइच की धरती पर कदम रखे हैं उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिली है। इस बात को वह खुद भी मानते हैं।
बहराइच की रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि सन 2000 में जब वह बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव थे, तब वह बहराइच जिले के एक कार्यक्रम में आए थे। जब वह बहराइच से बलरामपुर के लिए जा रहे थे तभी उन्हें तुरंत दिल्ली आने के लिए फोन आया।
मोदी वहां से दिल्ली रवाना हो गए। उसके बाद उन्हें दिल्ली से गुजरात भेज दिया गया और फिर वह गुजरात के मुख्यमंत्री बने। इसीलिए उन्होंने 2014 में लोकसभा चुनाव का आगाज बहराइच से किया था।
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