Wednesday - 22 October 2025 - 8:37 PM

लखनऊ रैली के बाद मायावती की बड़ी चाल, पश्चिमी यूपी में बसपा की नई टीम तैयार

जुबिली न्यूज डेस्क 

बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में हुई सफल रैली के बाद पार्टी संगठन में बड़ा बदलाव किया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जो पार्टी के लिए रणनीतिक रूप से अहम माना जाता है, वहां नए चेहरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। बताया जा रहा है कि यह बदलाव 2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर किया गया है।

पश्चिमी यूपी में नई जिम्मेदारियां

बसपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पूर्व राज्यसभा सांसद मुनकाद अली, पूर्व सांसद गिरीश चंद्र जाटव, और वरिष्ठ नेता सूरज सिंह जाटव को पश्चिमी क्षेत्र का नया प्रभारी नियुक्त किया है।पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इन तीनों नेताओं की नियुक्ति से बसपा दलित-मुस्लिम समीकरण को मजबूत करना चाहती है। लखनऊ की रैली में पश्चिमी क्षेत्र की बड़ी भागीदारी को देखते हुए यह बदलाव काफी अहम माना जा रहा है।

मेरठ मंडल में भी हुआ संगठनात्मक परिवर्तन

बसपा ने मेरठ मंडल में भी नए पदाधिकारियों की घोषणा की है।

  • डॉ. कमल सिंह राज,

  • मेघानंद जाटव,

  • रोहताश सिंह जाटव, और

  • परवेज़ आलम उर्फ गोलू
    को मेरठ मंडल की नई जिम्मेदारी दी गई है।

वहीं, अब तक मेरठ मंडल का काम देख रहे सतपाल सिंह पेपला को अलीगढ़ मंडल का प्रभार सौंपा गया है, जबकि कमलराज सिंह, जो पहले मुरादाबाद मंडल की जिम्मेदारी देख रहे थे, अब मेरठ क्षेत्र में तैनात किए गए हैं।

2027 के चुनावों की तैयारी

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह फेरबदल 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों का हिस्सा है।
मायावती चाहती हैं कि पार्टी पश्चिमी यूपी में अपनी खोई हुई जमीन वापस हासिल करे
दलित और मुस्लिम समुदायों के बीच बसपा की पकड़ को मजबूत करने के लिए यह रणनीतिक कदम उठाया गया है।

9 अक्टूबर की रैली बनी टर्निंग प्वाइंट

बसपा ने 9 अक्टूबर को कांशीराम के महापरिनिर्वाण दिवस पर लखनऊ में बड़ी रैली आयोजित की थी।
इस रैली में प्रदेशभर से भारी संख्या में लोग शामिल हुए थे, जिसे पार्टी ने शक्ति प्रदर्शन के रूप में पेश किया।
इसी रैली के बाद मायावती ने संगठन में बदलाव के संकेत दिए थे, जो अब आधिकारिक रूप से लागू कर दिए गए हैं।

दलित-मुस्लिम समीकरण पर फोकस

पश्चिमी यूपी में मुस्लिम आबादी और दलित वोट बैंक दोनों ही निर्णायक भूमिका निभाते हैं।बसपा का मानना है कि अगर यह समीकरण फिर से मजबूत हुआ, तो पार्टी एक बार फिर मजबूत चुनावी वापसी कर सकती है।इसी रणनीति के तहत मुनकाद अली और सूरज सिंह जाटव जैसे नेताओं को प्रमुख जिम्मेदारी दी गई है।

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