- वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़े का आरोप
- राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर बड़ा हमला
जुबिली स्पेशल डेस्क
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करते हुए वोटर लिस्ट में गंभीर गड़बड़ियों का आरोप लगाया है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महाराष्ट्र और कर्नाटक की मतदाता सूचियों के उदाहरण पेश करते हुए कहा कि “देश में चुनाव की बुनियाद ही कमजोर की जा रही है”।
राहुल ने कहा कि संविधान की आत्मा मतदान है, लेकिन सवाल ये है — क्या सही लोगों को वोट डालने दिया जा रहा है? उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में चुनाव “चोरी” कर लिया गया, जहां हाल ही में पांच महीने में 40 लाख रहस्यमयी वोटर्स जोड़े गए।
चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल
कांग्रेस नेता ने पूछा कि चुनाव आयोग पारदर्शिता क्यों नहीं बरत रहा? उन्होंने कहा कि आयोग से कई बार इलेक्ट्रॉनिक डेटा मांगा गया, लेकिन न तो जवाब मिला और न ही डेटा उपलब्ध कराया गया।
बेंगलुरु की वोटर लिस्ट में बड़ी गड़बड़ी का दावा
राहुल गांधी ने कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां 6.5 लाख वोटर्स में से एक लाख से ज्यादा संदिग्ध पाए गए। उनकी पार्टी की आंतरिक जांच में सामने आया कि इन वोटर्स में से कई के एड्रेस फर्जी हैं, हजारों डुप्लीकेट नाम हैं और कई मतदाताओं की पहचान स्पष्ट नहीं है।
उन्होंने बताया कि सिर्फ एक कमरे में 80 मतदाता दर्ज हैं, जबकि एक ही पते पर 46 लोग वोट डालते दिखाए गए। कुछ वोटर्स ऐसे हैं जिन्होंने एक ही चुनाव में तीन बार वोट डाला।
वोट चोरी के पांच तरीके- राहुल गांधी का आरोप
राहुल गांधी ने बताया कि उनकी जांच में वोटर लिस्ट में धांधली के पांच प्रमुख तरीके सामने आए हैं:
- डुप्लीकेट वोटर्स – 11,965
- फर्जी और अमान्य पते – 40,009
- एक ही पते पर दर्ज बड़ी संख्या में वोटर्स – 10,452
- अमान्य फोटो – 4,132
- फॉर्म 6 का दुरुपयोग (नए वोटर जोड़ने वाला फॉर्म) – लगभग 30,000 मामले
राहुल ने यह भी कहा कि इस साजिश में सत्ताधारी दल की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। उनका दावा है कि चुनाव आयोग और सरकार के बीच मिलीभगत के चलते यह “वोट चोरी” संभव हो रही है।
लोकतंत्र की बुनियाद समझे जाने वाले मतदान अधिकार को लेकर अब राजनीतिक बहस और तेज होती दिख रही है। कांग्रेस जहां इसे “संवैधानिक संकट” बता रही है, वहीं चुनाव आयोग की चुप्पी कई सवालों को जन्म दे रही है।