जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही कनाडा के कनानास्किस में आयोजित G7 समिट 2025 में हिस्सा लेने जा रहे हैं। लेकिन इस अहम दौरे से पहले कनाडा सरकार ने खालिस्तानी नेटवर्क के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ दिया है। प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के नेतृत्व वाली सरकार ने “Project Pelican” नाम से एक ऑपरेशन चलाया है, जिसका मकसद भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल खालिस्तानी तत्वों को बेनकाब करना और उन पर कड़ी कार्रवाई करना है।
अब तक की सबसे बड़ी ड्रग्स जब्ती
कनाडाई पुलिस ने इस अभियान के तहत एक बड़े ड्रग्स और आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिसके तार खालिस्तानी समर्थकों से जुड़े पाए गए हैं।
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पुलिस ने 479 किलोग्राम कोकीन जब्त की है जिसकी कीमत 47.9 मिलियन डॉलर (लगभग 400 करोड़ रुपये) आंकी गई है।
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इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 7 भारतीय मूल के हैं।
गिरफ्तार आरोपियों की सूची
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साजगिथ योगेन्द्रराजा (31)
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मनप्रीत सिंह (44)
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फिलिप टेप (39)
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अरविंदर पोवार (29)
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करमजीत सिंह (36)
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गुरतेज सिंह (36)
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सरताज सिंह (27)
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शिव ओंकार सिंह (31)
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हाओ टॉमी हुइन्ह (27)
ड्रग्स से मिली रकम का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों में
पुलिस जांच में सामने आया कि यह नेटवर्क अमेरिका और कनाडा के बीच कमर्शियल ट्रकिंग रूट का इस्तेमाल करता था। इनके संबंध मैक्सिकन ड्रग कार्टेल और अमेरिकी डिस्ट्रीब्यूटर्स से थे।
इस धंधे से मिली रकम का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों जैसे:
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खालिस्तानी आंदोलन को फंडिंग
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जनमत संग्रह
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हथियारों की खरीद
जैसे कामों में किया जाता था।
खुफिया एजेंसियों को शक है कि इस नेटवर्क को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का समर्थन प्राप्त है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ISI कनाडा में खालिस्तानी नेटवर्क का इस्तेमाल ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के लिए कर रही है।
PM मोदी की कनाडा यात्रा और संभावित एजेंडा
प्रधानमंत्री मोदी, प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने कनाडा जा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर उन्होंने PM कार्नी को चुनाव में जीत की बधाई दी और शिखर सम्मेलन में आमंत्रण के लिए धन्यवाद भी कहा।
PM मोदी ने कहा: “भारत और कनाडा जैसे जीवंत लोकतंत्र साझा लक्ष्यों के साथ मिलकर नई ऊर्जा से काम कर सकते हैं।”
मोदी-कार्नी बैठक में उठ सकता है खालिस्तान मुद्दा
G7 समिट के इतर, PM मोदी और PM कार्नी की द्विपक्षीय बैठक भी प्रस्तावित है। इस बैठक में:
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खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ कड़ा एक्शन
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भारत विरोधी तत्वों पर सख्ती
जैसे अहम मुद्दे उठ सकते हैं।
विशेष बात यह है कि पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में कनाडा में खालिस्तानियों को खुली छूट मिली थी।
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ट्रूडो ने निज्जर जैसे खालिस्तान समर्थकों का खुलकर समर्थन किया था।
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भारत पर आरोप लगाने की कोशिशें की गई थीं, जिसके कारण दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई थी।
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नतीजतन, ट्रूडो को सत्ता से हाथ धोना पड़ा।