स्पेशल डेस्क
महाराट्र विधानसभा चुनाव परिणाम के 13 दिन बाद भी राज्य में नई सरकार के गठन को लेकर असमंजस बरकरार है। बीजेपी और शिवसेना के बीच चल रही कुर्सी की लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।
वहीं, सीएम देवेंद्र फडणवीस शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया है। इसके फौरन बाद उन्होंने शिवसेना को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि पहले से तय नहीं था ढाई-ढाई साल सीएम फॉर्मूला।
उन्होंने कहा कि सरकार न बना पाने का अफसोस है। महाराष्ट्र में जनादेश गठबंधन को मिला था। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद देवेंद्र फडणवीस कर रहे हैं पत्रकारों से बातचीत में शिवसेना को घेरते हुए कहा कि उन्होंने बातचीत नहीं रोकी बल्कि शिवसेना ने रोकी है। फडणवीस ने कहा कि हमने बाला साहेब और उद्धव ठाकरे के बारे में कभी गलत बात नहीं कही, मगर हमारे नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में काफी कुछ कहा गया।

सरकार ना बनाना जनादेश का अपमान ह। खरीद-फरोख्त के झूठे आरोप लगाए गए। उद्धव ठाकरे के करीबी लोग अलग-अलग बयान दे रहे हैं. लोगों ने महागठबंधन को वोट दिया था। हम मोदी जी के नेतृत्व में लोगों के पास गए थे। बीजेपी की जीत का स्ट्राइक रेट 70 फीसदी रहा है।
उधर चर्चा ये भी है कि शिवसेना-बीजेपी के बीच संवाद फिलहाल पूरी तरह से ठप हो चुका है, जिसके चलते कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा।
इससे पहले गुरुवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से महाराष्ट्र बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। मुलाकात के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि जनता ने बीजेपी-शिवसेना ‘महायुति’ को बहुमत दिया है।
सरकार बनाने में देरी हो रही है, अब तक सरकार बन जानी चाहिए थी। हम राज्य में कानूनी विकल्पों और राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए राज्यपाल से मिले। हम आलाकमान से चर्चा कर आगे की रणनीति तय करेंगे।
गौरतलब है कि शिवसेना के नवनिर्वाचित विधायकों की मातोश्री (शिवसेना मुख्यालय) में हो रही बैठक खत्म हो गई है। सूत्रों के अनुसार, विधायकों ने उद्धव ठाकरे पर फैसला छोड़ दिया है।
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