जुबिली न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र के नासिक शहर में एक पुराने धार्मिक स्थल (दरगाह) को लेकर तनाव गहराता जा रहा है। मंगलवार रात को काटे गली क्षेत्र में भीड़ और पुलिस के बीच झड़प और पथराव की घटना हुई, जिसमें 31 पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और इलाके में कर्फ्यू जैसे हालात बन गए।

दरगाह विवाद का कारण क्या है?
नगर निगम ने कोर्ट के आदेश पर 1 अप्रैल को एक 350 साल पुरानी दरगाह को नोटिस जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि दरगाह पर हुए अवैध निर्माण को स्वेच्छा से हटाया जाए, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। मंगलवार को जब निगम की टीम बुलडोज़र के साथ कार्रवाई करने पहुंची, तभी अफवाह फैल गई कि दरगाह को तोड़ा जा रहा है। इससे 400 से अधिक लोगों की भीड़ उग्र हो गई और उन्होंने बिजली गुल होते ही पथराव शुरू कर दिया।
पुलिस की कार्रवाई: 15 गिरफ्तार, 57 बाइक जब्त
पुलिस ने स्थिति को काबू में लाने के लिए 500 जवान तैनात किए। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का सहारा लिया गया। पुलिस ने अब तक 15 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है और 57 संदिग्ध मोटरसाइकिलें जब्त की हैं। घायल पुलिसकर्मियों में 2 ACP रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं।
इलाके में भारी पुलिस बल, बाहरी लोगों की एंट्री बैन
बुधवार सुबह से अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई फिर शुरू हुई। दरगाह के आसपास तीनों दिशाओं से रास्ते सील कर दिए गए हैं। बैरिकेडिंग कर बाहरी लोगों और वाहनों की एंट्री पर पाबंदी लगा दी गई है। इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है और सुरक्षा के लिहाज़ से पुलिस बल को बढ़ाया गया है।
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सामुदायिक विवाद की आंशका
दरगाह कमेटी का दावा है कि यह दरगाह 350 साल पुरानी है, जबकि सकल हिंदू समाज की मांग है कि यहां हनुमान मंदिर बनाया जाए। इस विवाद के चलते सांप्रदायिक तनाव फैलने की आशंका जताई जा रही है।
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