जुबिली स्पेशल डेस्क
महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ हादसे को लेकर बुधवार देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पत्रकारों से वार्ता करते हुए भावुक हो गए। घटना का जिक्र करते हुए उनका गला रुंध गया और आंखें नम हो गईं।
उन्होंने कहा, “भारी भीड़ और बैरिकेड्स टूटने के कारण यह दुखद हादसा हुआ।” मुख्यमंत्री ने हादसे की न्यायिक जांच के आदेश देते हुए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया।
इस आयोग के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार होंगे, जबकि पूर्व डीजी वी.के. गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डी.के. सिंह को आयोग में शामिल किया गया है। यह आयोग एक समय सीमा के अंदर अपनी रिपोर्ट देगा। पुलिस भी मामले की जांच करेगी और हादसे के कारणों की गहराई से पड़ताल की जाएगी। यही नहीं, गुरुवार को मुख्य सचिव और डीजीपी भी प्रयागराज जाकर घटना की समीक्षा करेंगे।

इस बीच योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्री और निषाद पार्टी प्रमुख डॉ. संजय निषाद ने इस हादसे पर जो बयान दिया वो काफी शर्मनाक है। उन्होंने इस पर अपनी राय रखते हुए कहा कि अजो प्रबंध है और जितनी भीड़ है. दुनिया में शायद इतना बड़ा प्रबंध इतनी बड़ी भीड़ दुनिया में कहीं नहीं होगी। जहां इतना बड़ा प्रबंध हो इतनी बड़ी भीड़ हो छोटी-मोटी कहीं ना कहीं कोई घटना हो जाती है।
उनके इस ताजे बयान के बाद सरकार की मुश्किलें जरूर बढ़ सकती है क्योंकि सरकार अभी तक इस मामले पर किसी तरह का बयान देने से बच रही थी लेकिन देर शाम योगी को खुद सामने आना पड़ा और पूरे हादसे पर सरकार का पक्ष रखा है।
मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरी चिंता जताते हुए कहा, “प्रशासन ने कई दौर की समीक्षा बैठकें की थीं, फिर भी यह हादसा कैसे हुआ? इसकी गहन जांच होगी।” सरकार ने मृतकों के परिवारों को ₹25-25 लाख की सहायता राशि देने की भी घोषणा की है। इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव और डीजीपी को गुरुवार को घटनास्थल का दौरा कर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। वे हालात का जायजा लेंगे और रिपोर्ट सौंपेंगे।
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