Sunday - 7 January 2024 - 1:33 PM

लोकल क्रिकेट का भी हो गया बेड़ा गर्क, सुनिये खिलाड़ियों का दर्द

जुबिली स्पेशल डेस्क

लखनऊ। कोरोना की वजह से पूरी दुनिया में खौफ का माहौल है। ऐसे में लोग अपने घरों में कैद है और किसी भी तरह इस बीमारी से बचना चाहते हैं। आलम तो यह है कि कोरोना की वजह से हर चीज रूक गई है।

इतना ही नहीं खेलों की दुनिया की बात की जाये तो कभी ऐसे हालात नहीं झेलने पड़े हैं। चाहे देश में आतंकी हमला ही क्यों न हुआ तब भी खेल जारी रहा है।

जंग के दौरान भी खेल पटरी से नहीं उतरा है लेकिन कोरोना के आगे सबकुछ बेबस नजर आ रहा है। भारत ही क्या विश्व के कई हिस्सों में खेल गतिविधियों पूरी तरह से ब्रेक लग चुका है और इस वजह से खिलाड़ी काफी परेशान है।

बात अगर क्रिकेट की जाये तो पिछले साल की तरह इस साल भी क्रिकेट का खेल पूरी तरह से बंद पड़ा है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीसीसीआई किसी तरह से खेल कराने में कामयाब रहा है।

इतना ही नहीं विराट सेना मैदान पर वापसी कर चुकी है। इसके आलावा आईपीएल को आयोजित किया जा रहा है लेकिन बीसीसीआई जूनियर क्रिकेट और घरेलू क्रिकेट से बेखबर है और कोरोना का हवाला देकर अपने हाथ खड़े कर लिए है।

जरा सोचिए जब राष्ट्रीय स्तर पर ये हालात हो गए तो आप लोकल क्रिकेट क्या हाल होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। बात अगर उत्तर प्रदेश की राजधानी की जाये तो कोरोना काल में एक बार फिर क्रिकेट पूरी तरह से ठप्प हो गया है।

इस साल में दस में से केवल चार ही टूर्नामेंट ही हुआ

आलम तो यह है कि भारत को खेलने का सपना देखने वाले होनहार क्रिकेटरों का भविष्य अधर में लटकता नजर आ रहा है। जानकारी के मुताबिक क्लब क्रिकेट से लेकर अकादमी पूरी तरह से बंद पड़ी हुई है। लोकल क्रिकेट प्रतियोगिता भी इस साल नहीं हो सकी है।

लखनऊ में लीग क्रिकेट के साथ-साथ करीब दस टूर्नामेंट होते थे लेकिन इस बार केवल चार टूर्नामेंट ही हो सके हैं। इतना ही नहीं लखनऊ की क्रिकेट अकादमियों में मार्च से ताला लग गया था और इस वजह से खिलाडिय़ों का पूरा अभ्यास करने का मौका नहीं मिला है।

 

हालांकि लीग क्रिकेट जो दिसम्बर में बंद हो गई तो उसे इस साल मार्च में पूरा कर लिया गया था लेकिन अब कोरोना की दूसरी लहर की वजह से दोबारा नई लीग शुरू नहीं हो सकी।

संतोष कुमार सिंह

लखनऊ में छोटे बच्चों का क्रिकेट कराने वाले और यूपीसीए की अम्पारिंग से जुड़े संतोष कुमार सिंह बताते हैं कि इस बार कोरोना ने लोकल का खेल बिगाड़ दिया है।

उन्होंने बताया कि इस वजह से जूनियर क्रिकेटरों को बड़ा नुकसान होने वाला है।उन्होंने कहा कि कई ऐसे क्रिकेटर है जो लोकल क्रिकेट में छाप छोड़ प्रदेश की टीम में अपना दावा ठोंकते हैं लेकिन उनमें से कई क्रिकेटर इस साल ओवर एज हो गए है और उनको इसका बड़ा नुकसान होने जा रहा है।

उन्होंने बताया कि कोरोना के दूसरी लहर के दौरान बीच में कई क्रिकेट प्रतियोगिता को रोकना पड़ा है। इस वजह से कई खिलाड़ी मायूस है। उन्होंने बताया कि अंडर-14,16,19, 22 व 23 के खिलाडिय़ों का खेल पूरी तरह से प्रभावित हुआ है।

सार्थक और समर्थ दीक्षित

नन्हें क्रिकेटर सार्थक और समर्थ दीक्षित काफी निराश है। उन्होंने कहा कि कोरोना ने हमारा खेल बिगाड़ दिया है। दोनों खिलाड़ी करीब 15 साल के है और स्कूली क्रिकेट में दम-खम दिखाना चाहता हूं लेकिन कोरोना की वजह से दोनों को अपने खेल को आगे बढ़ाने में काफी परेशानी हो रही है। इतना ही नहीं दोनों को अब ये पता नहीं है कि ये मैदान पर कब दोबारा उतरेगे। दोनों खिलाडिय़ों की अंडर-14 की एज निकल चुकी है। दोनों ने बताया कि इस वजह से उनको काफी नुकसान उठाना पड़ा है। अब शायद अंडर-16 भी नहीं खेल पायेगे।

आयांश श्रीवास्तव, आदित्या सिंह और अयान

आयांश श्रीवास्तव, आदित्या सिंह और अयान भी पिछले दो साल में क्रिकेट से दूर है। दरअसल ये तीनों खिलाड़ी अंडर-14 में अब नहीं खेल पायेगे क्योंकि दोनों अब ओवर एज हो गए है। मगर बीते दो सालों से क्रिकेट सहित सभी खेलों पर कोरोना का कहर टूट पड़ा। तीनों खिलाड़ी घर पर रहकर अभ्यास करने पर मजबूर है। तीनों ने बताया कि ट्रायल न होने से हम खिलाडिय़ों का भविष्य अधर में चला गया।

आयुष पांडेय काफी निराश है। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से कोरोना की वजह से हम जैसे युवा खिलाडिय़ों को परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि अंडर-16 में अब वो ओवर एज हो गए है। इस वजह से उनको काफी नुकसान हुआ है। दो साल से इस ग्रुप में नहीं खेल पाया हूं।

दीपक कुमार
आयुष पांडेय

यूपी से अंडर-19 बोर्ड ट्रॉफी की तैयारी कर रहे दीपक कुमार काफी मायूस है। काफी उम्र में क्रिकेट खेल रहा हूं और अंडर-19 टीम के लिए अपना दावा मजबूत कर रहा हूं लेकिन कोरोना के दूसरी लहर से उनकी सारी तैयारियों पर पानी फिर गया है। उन्होंने कहा कि अगर ट्रायल रद्द होते हैं तो मेरा भविष्य अंधकार में जा सकता है।
कुल मिलाकर जूनियर क्रिकेट की तरह लोकल क्रिकेट भी इस साल पूरी तरह से बंद रह सकता है। इस वजह से खिलाडिय़ों में काफी निराशा है और वो बार-बार संघ से गुहार लगा रहे हैं कि उन जैसे खिलाडिय़ों के बारे में सोचा जाये।

अंकुर शुक्ला

लखनऊ के उभरते हुए खिलाड़ी अंकुर शुक्ला बताते हैं कि दो साल से खेल बंद होने की वजह से उनका अंडर-16 में खेलना नहीं हो पाया है और अब वो ओवर एज हो गए है। इसलिए अब उन्हें किसी और गु्रप में खेलना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में अभ्यास के लिए उन्हें तरसना पड़ा है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com