Friday - 5 January 2024 - 5:10 PM

यूपी विधानसभा में जोर से हंसना मना है…

जुबिली न्यूज डेस्क

लखनऊ। यूपी विधानसभा का आज पांचवा दिन है। आज से विधानसभा में कुछ नये नियम लागू किए जाएंगे। विधानसभा में कामकाज और विधायकों के तौर तरीकों को लेकर नई नियमावली लागू की जा रही है। ऐसे में सदन के अंदर विधायक झंडे, बैनर, मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे। साथ ही कोई विधायक अध्यक्ष के आसन के पास नहीं जाएंगे और कोई कागज फाड़ कर भी विरोध नहीं जता सकता है।

 

हैरान करने वाली बात ये है कि इसके अलावा नई नियमावली में कुछ नियम बड़े अजीब हैं, जैसे विधायकों के तेज हंसने पर रोक है, अजीब है कि जोर से हंस नहीं सकते है, अखबारों की कटिंग या पोस्टर दिखाने पर भी रोक लगाई गई है। इतना ही नहीं ऐसे नियम लागू करने वाली ये पहली विधानसभा होगी।

दरअसल, सदन में विधायकों के व्यवहार को लेकर यूपी विधानसभा की 1958 नियमावली में संशोधन करते हुए नई नियमावली उत्तर प्रदेश विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली 2023 लागू की जा रही है।

देश की पहली ऐसी विधानसभा 

बता दे कि देशभर में ऐसी नियमावली लागू करने वाली ये पहली विधानसभा होगी। नई नियमावली लागू होने के बाद यूपी विधानसभा कई बातों को लागू करने के मामले में देश की पहली विधानसभा बन जाएगी। साथ ही ई- विधान लागू करने वाली भी पहली विधानसभा बन जाएगी। ई-विधान लागू होने के बाद विधायक कहीं से भी सदन की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में विधायक अपनी कार से, घर से या दफ्तर से भी विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं।

बता दें कि नए नियम में विधायक अध्यक्ष को पीठ नहीं दिखा सकेंगे। सदन के अंदर सदस्य मोबाइल नहीं ले जा सकते हैं। सत्र बुलाने के लिए अब नोटिस अवधि 5 दिन की जगह 7 दिन की होगी। झंडे, प्रतीक या अन्य वस्त्र से सदस्य प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं। साथ ही सदन में प्रभाव डालने के लिए सदस्य राज्यपाल या किसी अधिकारी का नाम नहीं लेंगे।

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हालांकि सदन में नई नियमावली पेश करने के दौरान विपक्ष ने इसका काफी विरोध किया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि नई नियमावली को लेकर चर्चा हुई है। शुक्रवार को इसे सदन में पारित किया जायेगा।

जानें इस नई नियमावली को लेकर विषेशज्ञों की राय

इस नियम को लेकर क्या शख्ती हो सकती है, इस नियम का क्या असर होगा इस पर वरिष्ठ पत्रकार उत्कर्ष सिन्हा ने कहा कि इस नई नियमावली को कुल मिलाकर देखा जाये तो बात ये है कि बहस के तरीके, विरोध के तरीको को कैसे मिनिमाइज किया जाए, कैसे उसकी धार को भुन किया जाए ये प्रक्रिया है, और इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाती रहेगी भारतीय जनता पार्टी की सरकार क्योकि मूल विचार में भी वहीं है कि विरोध को बहुत स्पेश नहीं देना है।

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