जुबिली न्यूज डेस्क
पटना। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के संस्थापक और कद्दावर नेता लालू प्रसाद यादव एक बार फिर पार्टी की कमान संभालने जा रहे हैं। सोमवार को उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। यह उनका लगातार 13वां कार्यकाल होगा। लालू के नामांकन के साथ ही यह तय हो गया है कि वे एक बार फिर निर्विरोध चुने जाएंगे, क्योंकि उनके खिलाफ किसी अन्य नेता ने नामांकन नहीं किया है।
नामांकन के दौरान पार्टी कार्यालय में तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, प्रेम गुप्ता, जयप्रकाश यादव समेत कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। चुनाव की आधिकारिक घोषणा 5 जुलाई को होगी, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने साफ संकेत दे दिए हैं कि लालू ही अध्यक्ष रहेंगे।
नामांकन में दिखा पार्टी का दमखम
लालू प्रसाद यादव ने सोमवार को पटना स्थित पार्टी कार्यालय में निर्वाचन पदाधिकारी रामचंद्र पूर्वे के समक्ष नामांकन पत्र दाखिल किया। इस मौके पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे और नारेबाजी कर उत्साह जताया।तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा:”लालू जी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए पर्चा भरा है, और इससे पार्टी के हर कार्यकर्ता में खुशी की लहर दौड़ गई है। वे अब तक 12 बार अध्यक्ष रह चुके हैं और अब 13वीं बार कमान संभालेंगे। हम सभी को उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।”
4 जुलाई को होगी ताजपोशी, 5 को परिणाम
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4 जुलाई को राष्ट्रीय जनता दल की राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई गई है, जिसमें लालू यादव की ताजपोशी होगी।
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जबकि 5 जुलाई को चुनाव और परिणाम की औपचारिक घोषणा निर्वाचन पदाधिकारी करेंगे।
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चूंकि किसी अन्य प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल नहीं किया है, इसलिए लालू का निर्विरोध चुना जाना तय है।
पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग – “लालू ही अध्यक्ष रहें”
RJD के कई नेताओं ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता चाहते थे कि लालू प्रसाद यादव ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहें, क्योंकि वे पार्टी की विचारधारा और सामाजिक न्याय की राजनीति के सबसे बड़े प्रतीक हैं।वरिष्ठ नेता जयप्रकाश यादव ने कहा:”पार्टी की आत्मा लालू यादव हैं। उनका अनुभव और संघर्ष हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।”
क्यों मायने रखता है यह कार्यकाल?
लालू यादव का 13वां कार्यकाल ऐसे वक्त में आ रहा है जब:
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RJD बिहार की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है।
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2025 के बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो रही हैं।
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केंद्र में भाजपा फिर सत्ता में आई है, और विपक्षी एकता की राह चुनौतीपूर्ण है।
लालू का फिर अध्यक्ष बनना इस बात का संकेत है कि पार्टी अब भी उनके करिश्माई नेतृत्व में भरोसा रखती है।
नामांकन के खास पल
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लालू यादव को व्हीलचेयर पर पार्टी कार्यालय लाया गया।
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तेजस्वी यादव ने खुद उनके नामांकन पत्र को संभाला।
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कार्यकर्ताओं ने “लालू यादव ज़िंदाबाद” के नारे लगाए।
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मीसा भारती ने कहा, “यह सिर्फ नामांकन नहीं, विचारधारा की पुनः स्थापना है।”