जुबिली न्यूज डेस्क
राज्यसभा में 3 अप्रैल 2025 को विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर पर जमकर हमला बोला। यह मामला तब शुरू हुआ जब ठाकुर ने 2 अप्रैल को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान खरगे पर वक्फ संपत्तियों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। खरगे ने राज्यसभा में इसे “निराधार” और “झूठा” करार देते हुए कहा कि इन टिप्पणियों से उनकी प्रतिष्ठा को गहरा नुकसान पहुंचा है।

खरगे ने गुस्से में कहा, “मेरा 60 साल का राजनीतिक जीवन एक खुली किताब है। अनुराग ठाकुर ने मुझ पर बेबुनियाद आरोप लगाए। जब मेरे सहयोगियों ने चुनौती दी, तो उन्हें अपनी बात वापस लेनी पड़ी, लेकिन नुकसान हो चुका है।” उन्होंने ठाकुर को चुनौती दी, “अगर वे अपने आरोप साबित कर दें, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। लेकिन अगर वे साबित नहीं कर पाए, तो उन्हें संसद में रहने का कोई हक नहीं—उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।” खरगे ने यह भी कहा, “मैं टूट जाऊंगा, लेकिन झुकूंगा नहीं,” जिससे उनकी नाराजगी और दृढ़ता साफ झलकी।
उन्होंने मांग की कि ठाकुर के साथ-साथ राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा को भी इस मुद्दे पर माफी मांगनी चाहिए। खरगे के इस बयान के बाद विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया और सदन से वॉकआउट कर गए। यह विवाद तब और गहरा गया जब खरगे ने कहा कि ठाकुर की टिप्पणी भले ही लोकसभा की कार्यवाही से हटा दी गई हो, लेकिन सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर यह फैल चुकी है, जिससे उनकी छवि को ठेस पहुंची।
ये भी पढ़ें-वक्फ संशोधन बिल पर सियासी घमासान, TDP ने किया समर्थन का ऐलान
इस घटना ने संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तनाव को और बढ़ा दिया, खासकर वक्फ संशोधन बिल जैसे संवेदनशील मुद्दे पर। खरगे ने इसे व्यक्तिगत हमला बताते हुए अपनी बात को मजबूती से रखा और ठाकुर से सबूत पेश करने की मांग की।
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
