जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 26 सितंबर से 18 अक्टूबर तक ‘कला महाकुंभ’ का आयोजन किया जाएगा। यह 23 दिवसीय भव्य आयोजन राजधानी के स्मृति उपवन में होगा, जिसका उद्देश्य महिलाओं की प्रतिभा, स्वावलंबन और सुरक्षा को मंच देना है। आयोजन के दौरान राज्य सरकार की दो प्रमुख योजनाएं—एक जिला एक उत्पाद (ODOP) और मिशन शक्ति—को विशेष मंच दिया जाएगा।
आयोजन का नेतृत्व बृहस्पति वेलफेयर फाउंडेशन कर रहा है। फाउंडेशन के संयोजक पद्मश्री अद्वैत गड़नायक ने प्रेसवार्ता में बताया कि यह कला महाकुंभ भारत की समृद्ध संस्कृति, दर्शन, प्राचीन कलाओं और परंपराओं की झलक प्रस्तुत करेगा। कार्यक्रम में महिला उद्यमियों, कलाकारों और नई प्रतिभाओं को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा।
ODOP और मिशन शक्ति होंगी आकर्षण का केंद्र
इस महाकुंभ में प्रदेश के हर जिले की विशिष्ट कलाकृतियों, हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों की विशेष प्रदर्शनी लगाई जाएगी। ODOP प्रदर्शनी के माध्यम से स्थानीय कारीगरों को मंच और बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान ODOP उत्पादों को बनाने की प्रक्रिया को भी प्रदर्शित किया जाएगा।
नारी शक्ति को मिलेगा सम्मान
कला महाकुंभ में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं को ‘विश्व विभूति सम्मान’, ‘कला विभूति सम्मान’, ‘आदर्श सम्मान’ और ‘कला सम्मान’ से नवाजा जाएगा। इसके अलावा महिला शिल्पियों और उद्यमियों को भी सम्मानित किया जाएगा।
सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे खास आकर्षण
पूरे आयोजन के दौरान हर दिन अलग-अलग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। नवरात्रि के दौरान डांडिया नाइट्स का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा महिला साहित्यकारों की काव्य गोष्ठी, महिला गायिकाओं की प्रस्तुतियां और लोककलाओं का प्रदर्शन भी किया जाएगा।
कार्यक्रम में पाक कला को भी महत्व दिया जाएगा, जिसमें उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के पारंपरिक व्यंजनों का प्रदर्शन और स्वाद चखने का अवसर मिलेगा।
आयोजन से जुड़े प्रमुख लोग
प्रेस वार्ता में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) के उपाध्यक्ष पद्मश्री अद्वैत गड़नायक के अलावा वरिष्ठ साहित्यकार गौरी घोष, गायिका विमल पंत, सचिव (IPS OWA) ज्योति मोदक, पूर्व IPS दिनेश चंद्र दुबे, पूर्व जिला जज आरपी श्रीवास्तव और पूर्व पंचायत राज निदेशक कीर्ति शंकर अवस्थी शामिल रहे।
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अद्वैत गड़नायक ने कहा कि—”यह आयोजन महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक समृद्धि का अद्भुत संगम होगा। यह मंच उन महिलाओं को समर्पित है जो समाज में बदलाव ला रही हैं।”
कला महाकुंभ न केवल उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का प्रयास है, बल्कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक मजबूत कदम माना जा रहा है।