न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव के बाद लगे झटके से सबक लेते हुए भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड चुनाव में ब्रांड रघुवार दास को मजबूत करने का प्लान बनाया है। विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रघुवार दास को मजबूती से स्थापित करने के लिए पार्टी ने एक विशेष टीम तैयारी की है, जिसका काम रघुवर दास की ब्रांडिंग करना, रैरियों में भीड़ जुटाना और जनता को सीधे मुख्यमंत्री से जोड़ने का होगा।
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री रघुनार दास की हर जनसभा में भीड़ जुटाने के लिए कोई न कोई स्टार प्रचारक जरूर होगा। साथ ही, मुख्यमंत्री रघुवर दास अपनी चुनावी सभाओं में स्थानीय स्तर पर बोली जाने वाली भाषाओं का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करेंगे, ताकि जनता अपने मुख्यमंत्री से सीधा जुड़ाव महसूस करे। इन तरीकों के जरिए नई चुनावी रणनीति का सीधा फायदा चुनाव में वोट के रूप में बीजेपी हासिल करना चाहती है।

गौरतलब है कि अक्टूबर में हुए दो राज्यों के चुनावों में सरकार में रहने और स्टार प्रचारों के चुनाव प्रचार के बाद भी बीजेपी स्पष्ट बहुमत से सरकार नहीं बना सकी। हरियाणा में जहां पार्टी को क्षेत्रीय दल जेजेपी के साथ सत्ता का बंटवारा करना पड़ा, वहीं महाराष्ट्र में सहयोगी दल शिवसेना ने अंतिम समय में ऐसी पटकी मारी कि अब बीजेपी महाराष्ट्र में सरकार की दौड़ से बाहर हो गई है।
ऐसे में पार्टी झारखंड के विधानसभा चुनावों में कोई भी रिस्क लेने को तैयार नहीं है। इन दोनों राज्यों के चुनाव परिणामों से सबक लेकर बीजेपी ने झारखंड चुनाव प्रचार के लिए नया मास्टर प्लान तैयार किया है। पार्टी ने चुनाव प्रचार के समय से ही प्लान ए और प्लान बी दोनों पर काम करना शुरू कर दिया है।
बीजेपी झारखंड में किसी तरह का रिस्क लेना नहीं चाहती, इसलिए चुनाव के पहले चरण में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ-साथ पार्टी के सभी दिग्गज नेताओं को चुनाव प्रचार में झोंक दिया है।

औपचारिक रूप से प्रचार शुरू होने के पहले हफ्ते में ही प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के साथ-साथ केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा जनसभा करने के साथ-साथ स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी करेंगे। दिग्गज नेताओं की जनसभा के साथ-साथ पार्टी कार्यकर्ताओं के बैठक के पीछे बीजेपी की रणनीति कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने और चुनाव मैनजमेंट के लिए बनी रणनीति को ठीक से लागू करने की है।
बीजेपी ने अपने चुनाव प्रचार की रणनीति के तहत हर इलाके के लिए अलग भाषण चुना है। सुत्रों की मानें तो आदिवासी इलाकों में प्रधानमंत्री समेत पार्टी के सभी दिग्गज नेता परिवारवाद के बहाने जेएमएम अध्यक्ष हेमंत सोरन पर हमला बोलेंगे साथ ही राज्य में आदिवासियों के लिए शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं और देश में भर में किसानों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं के बहाने वोटरों को बीजेपी के पाले में लाने की कोशिश करेंगे। पार्टी आदिवासी इलाकों मे धर्मांतरण के खिलाफ लाए गए कानून का भी प्रचार प्रसार जोर शोर से करने की तैयारी में है।
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