जुबिली स्पेशल डेस्क
लोकसभा के बाद सोमवार को राज्यसभा से भी विपक्ष के 34 सांसदों पर गाज गिरी है और उनको सस्पेंंड कर दिया गया है। राज्यसभा से मिली जानकारी के अनुसार इन सांसदों पर इसलिए एक्शन लिया गया है क्योंकि ये सभी सभापति की बात नहीं मान रहे थे।
इसके साथ ही राज्यसभा से विपक्ष के जिन 34 सांसदों को सस्पेंड किया गया है। दरअसल कल 78 सांसदों को सदन से पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सस्पेंंड कर दिया गया।
इनमें राज्यसभा के 45 और लोकसभा के 33 सांसद शामिल हैं। अब इस मामले को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। अब राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने इस फैसले पर सवाल उठाया है और सरकार तीखा तंज कसा है।

जयंत चौधरी ने इशारों-इशारों में सांसदों को निलंबित किए जाने पर तंज कसते हुए कहा कि, ‘मैं उन सभी को निलंबित करता हूं जो मेरे ट्वीट का विरोध करते हैं !’ इसके बाद उन्होंने आगे डॉट..डॉट करते हुए नीचे मजाकिया अंदाज में कहा, ‘असल में नहीं… वापस आ जाओ। ..’
34 सांसदों को सस्पेंड किया
प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, अमी याग्निक, नारायण भाई राठवा, शक्ति सिंह गोहिल, रजनी पाटिल, सुखेंदु शेखर, नदिमुल हक, एन. षणमुगम, नसीर हुसैन, फुलोदेवी नेताम, इमरान प्रतापगढ़ी, रणदीप सुरजेवाला, मौसम नूर, समिरुल इस्लाम, रंजीत रंजन, कनिमोझी, फैयाज अमजद, मनोज झा, रामनाथ ठाकुर, अनिल हेगड़े, वंदना चव्हाण, रामगोपाल योदव, जावेद अली खान, जोस के मणि, महुआ मांझी और अजीत कुमार शामिल हैं।
इतना ही नहीं इन सभी पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सस्पेंड करने का सभापति ने बड़ा कदम उठाया है। वहीं 11 सांसदों को लेकर कहा जा रहा है कि प्रिविलेज कमेटी की रिपोर्ट आने तक के लिए निलंबित किया गया है।
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