जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार दोपहर करीब 12:30 बजे मचैल माता मंदिर यात्रा मार्ग पर चशोती गांव में बादल फटने से भीषण तबाही मच गई।
हादसे में दो CISF जवानों समेत 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि 200 से अधिक लोग लापता हैं। 100 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 37 की हालत गंभीर बताई जा रही है।
अचानक आई बाढ़ ने दुकानों, लंगर और एक सुरक्षा चौकी समेत कई इमारतों को बहा दिया। पहाड़ी की तलहटी में बसी घनी आबादी भी इसकी चपेट में आ गई। राहत और बचाव कार्य के लिए पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात हैं। अब तक 100 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, लेकिन मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

चशोती गांव किश्तवाड़ शहर से 90 किलोमीटर दूर है। हादसे के वक्त बड़ी संख्या में श्रद्धालु मचैल माता यात्रा पर थे। 9500 फीट ऊंचाई पर स्थित मंदिर तक श्रद्धालु पहले चशोती तक वाहन से पहुंचते हैं और फिर 8.5 किमी की पैदल यात्रा करते हैं। घटना के बाद वार्षिक यात्रा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शोक व्यक्त करते हुए राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और पीएम नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया और हर संभव मदद का भरोसा दिया। एनडीआरएफ की दो टीमें उधमपुर से मौके पर भेजी गई हैं।
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