जुबिली न्यूज जेस्क
नई दिल्ली मिडिल ईस्ट में तनाव अपने चरम पर है। ईरान ने इजरायल के सोरोका अस्पताल पर मिसाइल हमला कर दिया है, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस हमले को लेकर इजरायल ने ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए उसे युद्ध अपराधी (War Criminal) करार दिया है।
“खामेनेई को भुगतनी होगी सज़ा”: इजरायली रक्षा मंत्री
इजरायल के रक्षा मंत्री योआव कैट्ज ने हमले की तीखी निंदा करते हुए कहा,“कायर ईरानी तानाशाह एक बंकर में छिपा है और उसने हमारे अस्पताल और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया है। यह युद्ध का सबसे घिनौना अपराध है। खामेनेई इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार है और उसे इसकी सजा भुगतनी ही होगी।”कैट्ज के मुताबिक, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायली सेना को तेहरान में हमले तेज़ करने के आदेश दे दिए हैं।
नेतन्याहू की चेतावनी: ईरान को चुकानी होगी भारी कीमत
इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी एक कड़ा संदेश देते हुए एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया:“ईरान के आतंकी तानाशाह के सैनिकों ने हमारे अस्पतालों और नागरिकों को निशाना बनाया है। अब ईरान को इसकी पूरी कीमत चुकानी पड़ेगी।”नेतन्याहू ने कहा कि यह हमला सीधे नागरिकों के जीवन पर हमला है, और इसका जवाब उसी तीव्रता से दिया जाएगा।
‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत भारत लौटे 110 छात्र
इजरायल-ईरान टकराव के बीच भारत सरकार ने तेजी दिखाते हुए ईरान से 110 भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी कराई है। इनमें जम्मू-कश्मीर के 90 छात्र शामिल हैं, जो उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे।
छात्रों को लेकर विशेष उड़ान इंडिगो 6E 9487 के ज़रिए नई दिल्ली के टर्मिनल 3 पर उतरी।
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने हवाई अड्डे पर सभी छात्रों का स्वागत किया।
छात्रों ने सरकार और विदेश मंत्रालय का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने संकट की घड़ी में तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाया।
क्या है ‘सोरोका मेडिकल सेंटर’?
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इजरायल के बेर्शेबा शहर में स्थित है।
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यह दक्षिण इजरायल का सबसे बड़ा अस्पताल है।
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यह हमला सीधे स्वास्थ्य सेवाओं और नागरिकों पर लक्षित था।
तनाव बढ़ा, लेकिन भारत ने दिखाई तत्परता
ईरान-इजरायल संघर्ष में भारत ने संतुलित रुख अपनाते हुए एक ओर भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला, वहीं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शांति और कूटनीति की वकालत भी की।
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ईरान-इजरायल संघर्ष अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है। अस्पतालों और आम नागरिकों को निशाना बनाना युद्ध अपराध की श्रेणी में आता है। इजरायल का जवाब भी अब तेज़ होने जा रहा है, और इसकी आंच पूरे क्षेत्र को झुलसा सकती है। इस बीच, भारत ने एक बार फिर साबित किया कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति गंभीर और सक्षम है।