जुबिली स्पेशल डेस्क
इज़रायल और ईरान के बीच जारी तनाव अब खुली जंग में तब्दील हो चुका है। इज़रायल लगातार ईरान के शहरों को निशाना बना रहा है और भीषण बमबारी कर भारी तबाही मचा रहा है। बीते दिन भी इज़रायली सेना ने तेहरान के एटमी कारखाने समेत कई अहम ठिकानों पर बम गिराए, जिससे ईरान को भारी नुकसान हुआ है।
जहां पहले यह माना जा रहा था कि ईरान शायद दबाव में आकर पीछे हट जाएगा, वहीं अब तस्वीर पूरी तरह बदलती नजर आ रही है। ईरान ने भी ताबड़तोड़ मिसाइल हमलों से इज़रायल को करारा जवाब दिया है। शनिवार रात ईरानी सेना ने ‘ट्रू प्रॉमिस 3’ ऑपरेशन के तहत इज़रायली राजधानी तेल अवीव पर मिसाइलों की बारिश कर दी और शहर को खंडहर में बदल देने का दावा किया।
ईरानी ताकत के आगे एक बार फिर इज़रायल का ‘आयरन डोम’ डिफेंस सिस्टम नाकाम साबित हुआ है। इस हमले में कम से कम 8 लोगों की मौत हुई है, जबकि 207 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।
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ईरान का कहना है कि वह अब इज़रायल को उसी भाषा में जवाब देगा, जिसमें इज़रायल ने शुरुआत की थी। ईरानी अधिकारियों ने स्पष्ट कहा है कि इस बार इज़रायल को पूरी तरह तबाह और बर्बाद कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि इस हमले में ईरान ने पहली बार अपनी ‘Fattah-1’ हाइपरसोनिक मीडियम-रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया। अधिकारियों के अनुसार, यह मिसाइलें बेहद तेज़ रफ्तार और हाई मैन्युवरबिलिटी (अचानक दिशा बदलने की क्षमता) के चलते इज़रायली डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में सक्षम हैं।
रविवार तड़के तेल अवीव के बाहरी इलाकों में मिसाइल हमले के बाद चारों तरफ तबाही का आलम है। बमबारी के बाद सड़कों पर केवल खंडहर, जली हुई कारें, बिखरे हुए शीशे और मलबा ही दिखाई दे रहा है। एपी के रिपोर्टर के अनुसार, कई इमारतें पूरी तरह ढह चुकी हैं, और राहतकर्मी ड्रोन की मदद से उन जगहों पर तलाशी अभियान चला रहे हैं, जहां सीधे पहुंचना बेहद मुश्किल है।
वहीं कुछ स्थानीय लोग अपने बैग और सूटकेस समेटते हुए घर छोड़ते नजर आए — जैसे-जैसे हालात बिगड़ते जा रहे हैं, शहर पलायन के मुहाने पर खड़ा है।
इस बीच, इज़रायली सेना ने दावा किया है कि रविवार तड़के उसने ईरान के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पर हमला किया। इसके अलावा, इज़रायली हमलों का लक्ष्य तेहरान के आसपास स्थित वे ठिकाने भी रहे, जो कथित रूप से ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े हैं। इज़रायली सेना का कहना है कि यह सभी स्थान ईरानी शासन की परमाणु हथियार परियोजना से जुड़े थे।
हालांकि, इस दावे पर अंतरराष्ट्रीय संदेह बना हुआ है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) का कहना है कि ईरान ने अब तक आधिकारिक रूप से परमाणु हथियार विकसित करने की दिशा में कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया है।