जुबिली स्पेशल डेस्क
अमेरिका ने रविवार सुबह ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर जोरदार हमला किया और उन्हें तबाह करने का बड़ा दावा किया है।
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, यूएस एयरफोर्स के B-2 बॉम्बर्स ने ईरान की तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स — फोर्डो, नतांज और इस्फहान — पर बम गिराए, जिससे इन इलाकों में भारी तबाही हुई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों को ‘पूरी तरह सफल’ बताया है। हालांकि, ईरान ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा है कि उसके परमाणु ठिकाने पूरी तरह सुरक्षित हैं और वहां रेडिएशन लीक का कोई खतरा नहीं है।
अब ईरान की संसद ने एक ऐसा प्रस्ताव पास किया है, जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ सकता है — वो भी बिना कोई मिसाइल दागे। अगर ईरान ‘होर्मुज जलडमरूमध्य’ को बंद कर देता है, तो दुनियाभर में तेल की कीमतें तेजी से बढ़ सकती हैं। हालांकि, फिलहाल यह सिर्फ संसद में प्रस्ताव के तौर पर पास हुआ है। इस पर अंतिम फैसला ईरान के सर्वोच्च नेता को लेना है।
दुनिया के कुल तेल व्यापार का करीब 20% हिस्सा इसी रूट यानी ‘होर्मुज जलडमरूमध्य’ से होकर गुजरता है। इसमें सबसे ज़्यादा तेल एशियाई देशों को भेजा जाता है।
सिर्फ तेल ही नहीं, बल्कि बड़ी मात्रा में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति भी इसी मार्ग से होती है। यह रास्ता मध्य पूर्व से भारत, चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए एक अहम व्यापारिक चैनल है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ईरान ने इस रूट को बंद करने का फैसला लागू किया, तो अमेरिका इसकी कड़ी प्रतिक्रिया दे सकता है।