जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली। भारत की सुरक्षा क्षमताएं अब एक नए और निर्णायक दौर में प्रवेश करने जा रही हैं। भारतीय नौसेना की तीसरी और सबसे एडवांस्ड न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन INS अरिदमन अपने अंतिम ट्रायल्स में है। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने इसकी आधिकारिक पुष्टि कर दी है। बहुत जल्द यह पनडुब्बी भारतीय नौसेना की फ्लीट का हिस्सा बन जाएगी।

INS अरिदमन: अब तक की सबसे एडवांस्ड भारतीय SSBN
INS अरिदमन, अरिहंत-क्लास SSBN सीरीज़ की सबसे शक्तिशाली और अत्याधुनिक पनडुब्बी मानी जा रही है। यह 3500 किलोमीटर रेंज वाली K-4 SLBM मिसाइलों से लैस होगी। इसका मतलब— भारत किसी भी खतरे का समुद्र की गहराइयों से सटीक और निर्णायक जवाब देने में पूरी तरह सक्षम होगा। नौसेना की रणनीतिक क्षमता और न्यूक्लियर डिटरेंस दोनों में इसका बड़ा योगदान होगा।
INS अरिदमन की प्रमुख खूबियाँ
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83 MW न्यूक्लियर रिएक्टर – महीनों तक पानी के भीतर ऑपरेट करने की क्षमता
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8 VLS ट्यूब्स – मिसाइल कैरिंग क्षमता दोगुनी
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24 K-15 या 8 K-4 मिसाइलें – कम और लंबी दूरी दोनों का विकल्प
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एडवांस्ड स्टील्थ टेक्नोलॉजी – दुश्मन के रडार से लगभग गायब
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300–450 मीटर तक गहराई में ऑपरेशन
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वरुणास्त्र हेवीवेट टॉरपीडो से लैस
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95–100 सदस्यीय क्रू
अरिहंत क्लास की तुलना: कौन कितना शक्तिशाली?
| सबमरीन | रेंज | VLS | स्टील्थ | क्षमता |
|---|---|---|---|---|
| INS अरिहंत | 750 km | 4 | सामान्य | बेसिक SSBN |
| INS अरिघात | 750–3500 km | 4 | बेहतर | अपग्रेडेड SSBN |
| INS अरिदमन | 3500 km | 8 | हाई स्टील्थ | सबसे शक्तिशाली |
क्यों बढ़ेगी चीन–पाकिस्तान की टेंशन?
INS अरिदमन के ऑपरेशनल होने के बाद भारत को इंडो-पैसिफिक में जबरदस्त रणनीतिक बढ़त मिलेगी।
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यह महीनों तक समुद्र में अदृश्य रह सकता है।
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यह भारत की न्यूक्लियर सेकंड-स्ट्राइक क्षमता को बेहद मजबूत करेगा।
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दुश्मन देशों— खासकर चीन और पाकिस्तान— को समुद्र में हर कदम फूंक-फूंककर रखना पड़ेगा।
एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना की तैनाती ने पाकिस्तान नौसेना को अपने बंदरगाहों में कैद कर दिया था। INS अरिदमन आने के बाद ऐसी क्षमताएं कई गुना बढ़ जाएँगी।
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भारत का परमाणु त्रिशूल और भी घातक
INS अरिदमन के शामिल होते ही भारत की न्यूक्लियर ट्रायड— जमीन, हवा और समुद्र — पूर्ण और बेहद शक्तिशाली हो जाएगी। इसका सीधा संदेश है: भारत पर हमला हुआ तो जवाब निश्चित, सटीक और विनाशकारी होगा। INS अरिदमन के ऑपरेशनल होने के बाद भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक निर्णायक समुद्री शक्ति के रूप में स्थापित हो जाएगा।
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