जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार की सियासत में इस बार चुनावी रण का बिगुल कुछ जल्दी ही बज गया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा दावा करते हुए खुद को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है।
रविवार को एक जनसभा में तेजस्वी ने कहा, “इंडिया गठबंधन में इस बात पर आम सहमति बन चुकी है कि बिहार में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ही होंगे। राज्य में हमारी सरकार बनने जा रही है और अगर ऐसा होता है तो हम बिहार को स्कॉटलैंड की तरह विकसित राज्य बना देंगे।”
तेजस्वी ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा, “बीजेपी के नेता सिर्फ जाति और धर्म की स्क्रिप्ट पर काम करते हैं। अब जनता इस राजनीति से तंग आ चुकी है। वे बार-बार नफरत की बातें दोहराते हैं। बिहार की जनता अब विकास चाहती है, न कि धार्मिक ध्रुवीकरण।”
“तेज प्रताप की बात पसंद नहीं आई”
अपने बड़े भाई तेजप्रताप यादव के हालिया बयानों पर तेजस्वी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो भी उन्होंने किया, वह व्यक्तिगत तौर पर उन्हें पसंद नहीं आया। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि पारिवारिक रिश्ते और राजनीतिक रणनीति को अलग-अलग रखा जाएगा।
कांग्रेस का भी मिला समर्थन
इससे पहले कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार भी तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम चेहरा मान चुके हैं। उन्होंने कहा था, “अगर गठबंधन को बहुमत मिला तो मुख्यमंत्री आरजेडी से ही होगा। तेजस्वी यादव इसमें सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं।”
वक्फ अधिनियम और अल्पसंख्यक वोट
तेजस्वी ने यह भी कहा कि अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो वक्फ अधिनियम को समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने इसे अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों पर हमला बताया और कहा कि एनडीए सरकार इसे दबाने का काम कर रही है।
“देश किसी की बपौती नहीं”
तेजस्वी ने भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि यह देश सभी धर्मों और समुदायों के बलिदानों से आज़ाद हुआ है, किसी एक पार्टी या परिवार की जागीर नहीं है। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी वोटर लिस्ट में छेड़छाड़ करके जनता के मताधिकार को कुचलना चाहती है, लेकिन महागठबंधन इस साजिश को कामयाब नहीं होने देगा।