जुबिली स्पेशल डेस्क
नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने इंडिगो एयरलाइंस पर सख्त रुख अपनाते हुए तकनीकी खामियों की वजह से रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों के सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर (रविवार) शाम 8 बजे तक पूरी तरह क्लियर करने का आदेश दिया है। मंत्रालय ने साफ चेतावनी दी है कि तय समयसीमा का पालन न करने पर कार्रवाई अनिवार्य होगी।
यह निर्देश मंत्रालय के सचिव और IndiGo के सीईओ सहित शीर्ष अधिकारियों के बीच देर रात चली लंबी बैठक के बाद जारी किए गए।
सरकार के सख्त आदेश: एयरलाइन को पालन करना होगा
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7 दिसंबर शाम 8 बजे तक सभी पेंडिंग रिफंड पूरा करें, वरना कठोर कार्रवाई होगी।
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रद्द हुई उड़ानों के यात्रियों से री-शेड्यूलिंग या री-बुकिंग का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
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IndiGo को तुरंत 24×7 चलने वाला स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट एवं रिफंड सेल बनाना होगा।
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एयरलाइन हर प्रभावित यात्री से स्वयं संपर्क करे और रिफंड या नई बुकिंग विकल्प दे।
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स्थिति सामान्य होने तक ऑटोमैटिक रिफंड सिस्टम चालू रखा जाए।
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एयरपोर्ट पर फँसे सभी यात्रियों का सामान 48 घंटे में घर तक पहुँचाया जाए।
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DGCA के पैसेंजर राइट्स चार्टर के तहत तय मुआवजा तुरंत दिया जाए।
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वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, छात्र और मरीज—सभी श्रेणियों के यात्रियों के लिए विशेष सहायता और निगरानी सुनिश्चित हो।

IndiGo की उड़ानें बुरी तरह प्रभावित
पिछले तीन दिनों से IndiGo के सिस्टम में आई तकनीकी समस्या के चलते सैकड़ों उड़ानें रद्द या घंटों देरी से चल रही हैं। हजारों यात्री देशभर के एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं। सोशल मीडिया पर लगातार शिकायतें आ रही हैं—
- रिफंड नहीं मिल रहा
- बुकिंग बदलने पर शुल्क लिया जा रहा
- सामान वापस नहीं मिल रहा
“अब कोई बहाना नहीं चलेगा”
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,“यात्रियों को जिस परेशानी से गुजरना पड़ रहा है, उसे देखते हुए IndiGo को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं—अब कोई बहाना नहीं चलेगा। समयसीमा में रिफंड नहीं हुआ तो कड़ी कार्रवाई तय है।”
IndiGo की ओर से अभी आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि एयरलाइन शिकायतों को निपटाने के लिए लगातार काम कर रही है। मंत्रालय ने एयरलाइन को एक समर्पित हेल्पलाइन और ईमेल भी जारी करने का निर्देश दिया है।
किराए की लूट पर भी सरकार एक्शन में
IndiGo की उड़ानें प्रभावित होने के बाद कई एयरलाइंस द्वारा कुछ रूटों पर अचानक किराए बढ़ाने की शिकायतें सामने आईं।
इस पर कार्रवाई करते हुए मंत्रालय ने सभी प्रभावित मार्गों पर फेयर कैप (किराया सीमा) लागू कर दी है, ताकि यात्रियों से मनमाना किराया न वसूला जा सके।
नई किराया सीमा का कड़ाई से अनुपालन करना अनिवार्य होगा और यह व्यवस्था तब तक जारी रहेगी, जब तक उड़ान संचालन पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाता।
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