जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य महकमा भगवान भरोसे चल रहा है। पिछले दिनों खबर आई थी कि एक महिला को कोविड का टीका लगाने के बजाए रेबीज का टीका लगा दिया गया था।
एक बार फिर ऐसी ही एक लापरवाही वाली खबर सामने आई है। महराजगंज जिले में एक व्यक्ति को दो अलग-अलग कोविड टीके लगाए गए।

व्यक्ति को कोरोना टीके की पहली खुराक कोवैक्सिन की दी गई और जब वह दूसरी खुराक लेने गया तो उसे कोविशिल्ड की दे दी गई।
पीडि़त व्यक्ति का नाम उमेश है। वह महाराजगंज के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) गौरव सिंह सोगरवाल के ड्राइवर है।
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एक रिपोर्ट के अनुसार उमेश को गलत तरीके से कोविशिल्ड वैक्सीन दी गई। घटना के सामने आने के बाद अन्य दो व्यक्तियों को दूसरी खुराक नहीं दी गई।
इस बीच, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) एके श्रीवास्तव ने दावा किया कि टीकों के मिश्रण के कारण कोई असर नहीं देखा गया। श्रीवास्तव ने साफ किया, “यह घटना नहीं होनी चाहिए थी और सभी स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देश दिया गया था कि वे पहले दी गई वैक्सीन की दूसरी खुराक दें।”
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फिलहाल यह घटना ऐसे समय में आई है जब यह निर्धारित करने के लिए टेस्ट चल रहे हैं कि क्या टीकों के मिश्रण से लोगों को फायदा हो सकता है। कई रिपोर्टों के मुताबिक विभिन्न टीकों की दूसरी खुराक बेहतर प्रतिरक्षा का निर्माण कर सकती है।
ऐसी ही एक घटना 9 अप्रैल को, उत्तर प्रदेश के शामली जिले में हुई थी जहां तीन बुजुर्ग महिलाओं को कोविड टीके की जगह एंटी-रेबीज के टीके दिए गए। घटना एक सरकारी अस्पताल में हुई।
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