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पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया (सीजीआई) रंजन गोगोई ने गुरुवार को राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ ले ली। उनके शपथ लेने के दौरान ही विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। इसके बाद सदन से वाकआउट कर गये। कुछ सांसदों ने शेम-शेम के नारे भी लगाए। विपक्षी दलों के हंगामे के बाद राज्यसभा में मौजूद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष के विरोध की कड़ी आलोचना की।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इससे पहले भी कई पूर्व सीजीआई और मशहूर हस्तियां इस सदन का हिस्सा बन चुके हैं। लेकिन इस तरह से विपक्ष का विरोध शर्मनाक है। कहा कि ‘राज्यसभा में विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों की एक महान परंपरा है, जिनमें पूर्व सीजीआई भी शामिल हैं। गोगोई जिन्होंने आज शपथ ली है वह निश्चित रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे।
वहीं इन सबके बाद राज्यसभा सभापति ने कहा कि सदन के बाहर किसी की भी राय की हम चिंता नहीं करते। लेकिन यहां हमें यह समझना होगा कि राष्ट्रपति के नामांकन को सच्ची भावना से माना जाना चाहिए।
कौन है रंजन गोगोई
रंजन गोगोई देश के 46वें चीफ जस्टिस रहे चुके हैं। वे इस पद पर तीन अक्टूबर 2018 से 17 नंवबर 2019 तक रहे। गोगोई का जन्म 18 नवंबर, 1954 को असम के डिब्रूगढ़ में हुआ था। यही के डॉन बोस्को स्कूल और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढ़ाई की।
उनके पिता केशव चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री थे। जस्टिस रंजन गोगोई ने 1978 में वकालत के लिए पंजीकरण कराया था। 28 फरवरी, 2001 को रंजन गोगोई को गुवाहाटी हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। जस्टिस गोगोई 23 अप्रैल, 2012 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने थे और बाद में मुख्य न्यायाधीश भी बने।
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