दाखिले और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले 103वें संविधान संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया. पांच जजों की बेंच में से 3 जजों ने EWS कोटा को संवैधानिक ठहराया है. पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने संविधान के 103 वें संशोधन अधिनियम 2019 की वैधता को बरकरार रखा है. पांच में से 4 जजों ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण के समर्थन में और 1 जज ने विरोध में फैसला दिया.

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