जुबिली स्पेशल डेस्क
ईरान और इज़राइल के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इज़राइल लगातार ईरान को निशाना बना रहा है। इतना ही नहीं, उसने ईरान की शीर्ष नेतृत्व को भी समाप्त कर दिया है।
इज़राइल को लगा था कि उसके हमलों से ईरान डर जाएगा, लेकिन यह उसकी एक बड़ी गलतफहमी साबित हुई। ईरान की जवाबी कार्रवाई ने इज़राइल को पूरी तरह हिला कर रख दिया है। अब वहां के स्थानीय नागरिकों में ईरान को लेकर गहरी चिंता और भय देखा जा रहा है।
इस बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर तीखा हमला बोला है। क्लिंटन का कहना है कि नेतन्याहू ने ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई सिर्फ अपनी सत्ता बचाने के लिए शुरू की है।
उन्होंने कहा, “यह महज युद्ध नहीं है, बल्कि एक राजनीतिक रणनीति है, ताकि नेतन्याहू अपने पद पर बने रह सकें।”यह बयान उस समय आया है जब मिडिल ईस्ट में हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। ईरान और इज़राइल के बीच लगातार मिसाइल और हवाई हमलों का सिलसिला जारी है, जिससे पूरे क्षेत्र में युद्ध का खतरा मंडरा रहा है।
वही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर वैश्विक राजनीति को झकझोर देने वाला बयान दिया है। एक ओर उन्होंने यूक्रेन को लेकर बेहद तीखा और विस्तारवादी रुख दिखाया, वहीं दूसरी ओर ईरान को लेकर पश्चिमी देशों को साफ संदेश दे दिया।
पुतिन ने कहा कि रूस और यूक्रेन के लोग एक ही नस्ल और संस्कृति के हैं, इसलिए “यूक्रेन पर रूस का पूर्ण अधिकार है”। इस बयान ने फिर से उस बहस को हवा दे दी है कि रूस, यूक्रेन पर पूरी तरह कब्जा जमाने के इरादे से पीछे नहीं हटा है।
ईरान को परमाणु ऊर्जा का हक: पुतिन
ईरान पर बात करते हुए पुतिन ने कहा कि ईरान और रूस के बीच चल रही परमाणु साझेदारी पूरी तरह सुरक्षित है। बुशहर परमाणु संयंत्र में कार्य सुचारू रूप से जारी है और वहां से किसी भी रूसी कर्मचारी को नहीं हटाया गया है।
पुतिन ने दो टूक कहा: “ईरान को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा के इस्तेमाल का पूरा अधिकार है।” साथ ही, उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि रूस ईरान के वैध हितों की सुरक्षा के लिए हर संभव समर्थन देता रहेगा।